लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों (कक्षा एक-दो) की शैक्षिक क्षमता के आंकलन के लिए 16 दिसंबर से निपुण टेस्ट शुरू हो रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इसमें बोर्ड परीक्षा जैसी सख्ती करेगा। टेस्ट में एक तरफ जहां जियो फेंसिंग होगी वहीं छात्रों के साथ फोटो भी निपुण लक्ष्य एप पर अपलोड करना होगा। विभाग मुख्यालय से औचक वीडियो कॉल से भी इसकी निगरानी करेगा।
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से निपुण लक्ष्य एप पर ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें बच्चों को शब्दों, अंकों को पहचानने, उनको जोड़कर पढ़ने व जोड़-घटाना आदि क्षमताओं का मूल्यांकन होगा। टेस्ट में छात्र-छात्राओं के नाम रैंडम आएंगे। एक डीएलएड प्रशिक्षु एक विद्यालय के 24 छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन करेगा। इस तरह 16 से 28 दिसंबर के बीच 29158 विद्यालयों के लगभग सात लाख छात्रों का मूल्यांकन होगा।
मूल्यांकन के लिए लगभग 8515 डीएलएड प्रशिक्षु लगाए जाएंगे। खास यह कि डीएलएड प्रशिक्षु जब मूल्यांकन करेगा तो उसकी जियो फेंसिंग मुख्यालय देखेगा। प्रशिक्षु को छात्र-छात्रा के साथ फोटो भी लेकर अपलोड करनी होगी।