लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि राज्य लोक सेवा अधिकरण के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों के खाली पद जल्द महीने भर में भरें जाएं। कोर्ट ने राज्य सरकार के आग्रह पर पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी करने को मांगा गया महीने भर का समय देकर मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को नियत की है।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता सतीश चंद्र की जनहित याचिका पर दिया। याची ने अधिकरण के पीठासीन अधिकारियों समेत कई सदस्यों के काफी समय से खाली पड़े पदों को भरने के निर्देश देने का आग्रह किया था। जब कोर्ट ने सरकारी वकील से इन पदों को भरने की स्थिति पूछी, तो बताया गया कि इन पदों के लिए आवेदन मिले हैं, जिन पर प्रक्रिया जारी है। इस पर कोर्ट ने कोर्ट ने कहा था कि अभी हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। अधिकरण की कानून के तहत अहम भूमिका होती है। इसके पदों को महीनों तक खाली नहीं रखा जा सकता।
कोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि अधिकरण के दो मौजूदा सदस्य 31 दिसंबर 2024 और 5 जनवरी 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके मद्देनजर कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया कि अधिकरण में नए पदाधिकारियों की तैनाती पूरी होने तक यह दोनों सदस्य अपने पद पर कार्यरत रहेंगे। उधर, राज्य सरकार की ओर से पहले जारी विज्ञापन के तहत खाली पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी करने को महीने भर का समय देने की गुजारिश की गई। जिसे कोर्ट ने प्रदान करके अपेक्षा की कि पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। संवाद