लखनऊ शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों की 6.03 लाख सीटों पर प्रवेश के लिए रविवार से आनलाइन प्रक्रिया शुरू होगी। गरीब परिवारों के बच्चों को 62829 निजी विद्यालयों में प्री- प्राइमरी व कक्षा एक में प्रवेश का अवसर मिलेगा। निजी विद्यालयों में गरीब परिवारों के बच्चों के दाखिले के लिए शैक्षिक सत्र 2025-26 में 78065 सीटें बढ़ी हैं। प्रवेश प्रक्रिया चार चरणों में 27 मार्च तक चलेगी। अभिभावकों की मदद के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जा रही है। उप शिक्षा निदेशक (समग्र शिक्षा) डा. मुकेश कुमार

- 20 मई से 15 जून तक बंद रहेगे परिषदीय विद्यालय
- हर महीने मिड-डे-मील के नमूनों की होगी जांच
- गर्मी की छुट्टियों में बच्चे बनेंगे राम-लक्ष्मण, रामायण से सीखेंगे भारतीय संस्कृति के तत्व
- यूपी में 18 मई तक जबरदस्त गर्मी, दिन झुलसाएंगे, रात भी तपेगी
- पी०एम० पोषण (मध्यान्ह भोजन) योजनान्तर्गत छात्रों को सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रिशन के अन्तर्गत माह-मार्च, 2025 में उपलब्ध करायी गयी धनराशि के सापेक्ष उपभोग की सूचना निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
सिंह ने बताया कि पहला चरण रविवार से शुरू होगा। 19 दिसंबर तक आनलाइन आवेदन फार्म भरे जा सकेंगे। 20 से 23 दिसंबर तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) आवेदन फार्मों का सत्यापन करेंगे। 24 दिसंबर को लाटरी निकाली जाएगी। 27 दिसंबर तक आवंटित स्कूल में बच्चे का दाखिला कराया जा सकेगा। वहीं दूसरे चरण में एक से 19 जनवरी तक आनलाइन आवेदन फार्म भरे जा सकेंगे। 20 से 23 जनवरी तक बीएसए आनलाइन आवेदन फार्म का सत्यापन करेंगे। 24 जनवरी को लाटरी निकाली जाएगी। आवंटित स्कूलों में बच्चों का प्रवेश
27 जनवरी तक कराया जा सकेगा। वहीं तीसरे चरण में एक से 19 फरवरी तक आनलाइन आवेदन फार्म भरे जा सकेंगे। 20 से 23 फरवरी तक बीएसए आनलाइन आवेदन फार्म का सत्यापन करेंगे। 24 फरवरी को लाटरी निकाली जाएगी और 27 फरवरी तक प्रवेश लिए जा सकेंगे। चौथे व अंतिम चरण में आनलाइन आवेदन फार्म एक से 19 मार्च तक भरे जा सकेंगे। 20 से 23 मार्च तक बीएसए आनलाइन आवेदन फार्मों का सत्यापन करेंगे। 24 मार्च को लाटरी निकाली जाएगी और 27 मार्च तक आवंटित विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाया जा सकेगा। अभी तक यह प्रवेश प्रक्रिया अगस्त तक चलती थी। अब एक अप्रैल को नया सत्र शुरू होने पर पहले ही दिन से निश्शुल्क दाखिला पाने वाले बच्चे पढ़ाई कर सकें, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। सभी जिलों में बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी, सीडीओ व डीएम कार्यालयों में अभिभावकों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई जा रही हैं।