यूपी की योगी सरकार जल्द ही प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल करने वाली है। इस फेरबदल में सबसे पहले पांच जिलों के डीएम में बदलाव तय माना जा रहा है। यह फेरबदल आईएएस अफसरों की पदोन्नति के बाद होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक दो दिन में विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक होने वाली है। इसमें पदोन्नति पर सहमति बनेगी और एक जनवरी से यह प्रभावी होगा।

इसके बाद विशेष सचिव से सचिव बनने वाले पांच जिलों लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, मथुरा और कानपुर नगर के जिलाधिकारियों के स्थानांतरण की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में इस समय प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों की भारी कमी है। इसके चलते अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों को विभागों का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।
- जिले के अंदर और बाहर तबादले के नियम अलग
- मेरठ में एक ही गांव के 14 लोग एक साथ बने सिपाही
- असिस्टेंट प्रोफेसर के 1200 पद खाली, 800 पर भर्ती की तैयारी
- सरकार से शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग
- आठ वर्ष से तबादला न समायोजन परिषदीय शिक्षकों में पनप रहा रोष
प्रदेश में वर्ष 2000 बैच के सौरभ बाबू, दीपक अग्रवाल, अमित गुप्ता, मनीष चौहान, धनलक्ष्मी के, रंजन कुमार, अनुराग यादव और रणवीर प्रसाद सचिव से प्रमुख सचिव बनाए जाएंगे। इसमें दीपक अग्रवाल ही एक ऐसे अफसर हैं जो दिल्ली में तैनात हैं। इसलिए सचिव से प्रमुख सचिव बनने वाले अफसरों की विभागाध्यक्ष के रूप में तैनाती जाएगी।
इसी तरह विशेष सचिव से सचिव बनने वाले वर्ष 2009 बैच के आईएएस अफसरों को सचिव बनेंगे। इसलिए इस बैच के अफसरों को शासन में या तो सचिव बनाया जाएगा या फिर मंडलायुक्त बनाया जाएगा। इससे यह माना जा रहा है कि कुछ मंडलायुक्तों के भी तबादले हो सकते हैं।
अतुल शर्मा बने डीआईजी
लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के अधिकारी अतुल शर्मा को उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) पद पर प्रोन्नति दी गई है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित होने के चलते उन्हें गत वर्ष प्रोन्नति नहीं मिल पाई थी। गृह सचिव डा. संजीव गुप्ता द्वारा बुधवार को जारी आदेश में कहा कि अतुल शर्मा के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई को बिना किसी दंड के समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में उन्हें एक जनवरी 2022 के प्रभाव से सलेक्शन ग्रेड और एक जनवरी 2023 से डीआईजी पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई है।