लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता की परख के लिए निपुण आकलन पूरा हो गया है। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद शुक्रवार को डायट प्रशिक्षुओं के साथ बच्चों के सामने शिक्षक भी मौजूद रहे.
इससे पहले डायट प्रशिक्षुओं की ओर से शिक्षकों को कक्षा में आने से रोका जा रहा था। इस पर शिक्षकों ने बीएसए से शिकायत करके नाराजगी जताई थी।
कक्षा एक और दो के बच्चे छह से आठ वर्ष के होते हैं। बिना शिक्षक के ये नए लोगों के सामने खुद को असहज महसूस कर रहे थे। कई बच्चे प्रशिक्षुओं के सामने बोल भी नहीं पा रहे थे। इससे शिक्षकों ने
परिणाम में गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि अब 321 सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे कक्षा एक और दो के बच्चों आकलन पूरा हो चुका है। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से परिणाम आने के बाद शिक्षकों की मेहनत का भी पता चल सकेगा।
एप न चलने से हुई समस्या : शिक्षकों ने बताया कि कई स्कूलों में निपुण आकलन के लिए एप भी नहीं चल रहा था। इससे बच्चों को तीन-तीन बार उत्तर देना पड़ रहा है। बच्चे अगर ज्यादा जल्दी पढ़ लें तो भी निपुण नहीं दिखाई पड़ता है। इंटरनेट की समस्या बनी रही।