मुख्यमंत्री दर्पण डैशबोर्ड पर बेसिक शिक्षा की स्थिति सुधारे नहीं सुधर रही। तमाम प्रयासों के बाद भी आठ में से छह मानकों पर विभाग लगातार फिसड्डी ही बना हुआ है। शिक्षा महानिदेशालय ने मंगलवार को सुधार के लिए प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एक और मौका देते हुए चेतावनी जारी की है।
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सभी बीएसए को ग्रेडिंग को सुधारने के लिए एक महीने का समय दिया है। आठ में से छह प्रोजेक्ट में विभाग की स्थिति ‘सी’ ग्रेड पर ही अटकी पड़ी है। दरअसल, ‘सीएम डैशबोर्ड’ पर बेसिक शिक्षा विभाग के आठ प्रोजेक्ट में सभी जिलों में हुए कार्यों के आधार पर राज्य स्तर पर विभाग की ग्रेडिंग निर्धारित की जाती है। नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में जब प्रदेश स्तर पर ग्रेडिंग के परिणाम निकाले गए तो मात्र दो प्रोजेक्ट में सुधार दिखा बाकि छह की स्थिति जस की तस ही रही। जिन छह प्रोजेक्ट की स्थिति खराब है, उनमें पहले नम्बर पर आईजीआरएस सुनवाई से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण का है, जिसमें मात्र 36.12 फीसदी निस्तारण हो सका है। वहीं दूसरे नम्बर पर ऑनलाइन मान्यता आवेदन प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण की स्थिति की है, जिसमें मात्र 66.65 प्रतिशत प्रगति दर्ज की गई है जबकि तीसरे नम्बर पर सीएमआईएस पोर्टल पर विभाग में एक करोड़ से अधिक मूल्य की प्रचलित परियोजनाओं की प्रगति है।
जिसमें मात्र 68.29 प्रतिशत प्रगति दर्ज की गई है। इसी प्रकार से निपुण असेस्मेंट टेस्ट में छात्रों के अ+, अ तथा इ ग्रेड पाने की स्थिति में 71.62 प्रतिशत प्रगति हुई जबकि मिड डे मील (पीएम पोषण) योजना के तहत कुल बच्चों की तुलना में उपस्थित बच्चों को भोजन उपलब्ध होने की प्रगति का है जिसमें 76.50 प्रतिशत की प्रगति दर्ज की गई है।
ऑपरेशन कायाकल्प में सुधार हुआ
मानव संपदा पोर्टल पर अवकाशों का समयबद्ध निस्तारण की स्थिति 90.08 प्रतिशत दर्ज की गई। इन सभी प्रोजेक्ट में विभाग को ग्रेड ‘सी’ दिया गया है। अलबत्ता जिन दो प्रोजेक्ट में सुधार परिलक्षित हुए हैं, उनमें आपरेशन कायाकल्प के तहत 16 से अधिक पैरामीटर्स में संतृप्तता की स्थिति की प्रगति 99.57 फीसदी और जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य की तुलना में किए गए निरीक्षण के मामले में भी 99.91 प्रतिशत प्रगति दर्ज की गई है और इन दोनों श्रेणी में विभाग को एक ग्रेड हासिल हुआ है।