लखनऊ, । तिमाही-छमाही नहीं अब हर महीने परिषदीय स्कूलों में बच्चों की परीक्षा होगी। राज्य सरकार ने कॉन्वेंट स्कूलों की भांति परिषदीय स्कूलों में भी बच्चों के शैक्षिक आंकलन के लिए प्रत्येक माह टेस्ट लिए जाने का निर्णय किया है। इस नई व्यवस्था को नए शिक्षण सत्र से लागू करने की तैयारी है। दूसरी तरफ राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रति माह टेस्ट के लिए कोर्स तैयार करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके अलावा स्कूली शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए नए शिक्षण सत्र से हर महीने पीटीएम (पैरेंट-टीचर मीटिंग) भी कराया जाएगा जिसमें स्कूली बच्चों के क्लास टीचर उनके माता-पिता को उनकी शैक्षिक प्रगति के बारे में जानकारी देंगे और माता-पिता को बच्चों के टेस्ट रिपोर्ट भी सौंपेंगे।
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जानकारों की माने तो प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधारने के लिए सरकार परिषदीय स्कूलों में नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत कान्वेंट स्कूलों की भांति ही प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में भी हर महीने विद्यार्थियों का टेस्ट लिया जाएगा। ताकि बच्चों के शैक्षिक आंकलन का पता लगाया जा सके।
आधुनिक शिक्षा पर रहेगा अधिक फोकस
नए शिक्षण सत्र में नई व्यवस्था लागू होने के बाद स्कूलों में स्मार्ट क्लास की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही प्रिंट मैटेरियल, विग बुक्स, पिक्चर स्टोरी कार्ड, पोस्टर्स, वार्तालाप चार्ट्स, लाइब्रेरी बुक्स और टीएलएम के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे बच्चों का बौद्धिक विकास होने के साथ नई गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इसके लिए शेड्यूल तैयार कराया जा रहा है। जिससे बच्चे अपने आप को मासिक टेस्ट के लिए समय से मानसिक रूप से तैयार कर सकेंगे।