हाईकोर्ट का सरकार को आदेश, एटा की सहायक अध्यापिका ने बच्चे की बीमारी के आधार मांगा था तबादला
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को मानसिक विकार से जूझते बच्चों के समग्र विकास के लिए हर जिले में शिक्षा और चिकित्सा की विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। कहा है कि सूबे के कई जिलों में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए उन्नत चिकित्सा सुविधाओं, शैक्षिक अवसरों और
प्रणालियों का अभाव है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने एटा के प्राइमरी स्कूल में तैनात सहायक

- iGOT कर्मयोगी प्रशिक्षण दिनांक 18 जून 2025 प्रातः 11:00 बजे के सम्बन्ध में
- FAQ: वर्तमान में प्रस्तावित *समायोजन और स्कूल पेयरिंग/मर्जर* कब की छात्र संख्या के आधार पर किया जाएगा?
- फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहे 13 शिक्षक बर्खास्त
- विद्यालयों की पेयरिंग के आदेश के खिलाफ उ0प्र0 प्राथमिक शिक्षक संघ करेगा जनआंदोलन का आह्वान
- RTE act में स्पस्ट कहा विद्यालय की स्थापना हेतु यह निश्चित हो कि 1 किलोमीटर के दायरे में कोई विदयालय न हो
अध्यापिका शिवानी की ओर से स्थानांतरण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याची का कहना था कि उसका बेटा मानसिक विकार (ऑटिज्म) से पीड़ित है। उसका बेहतर इलाज नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में ही हो सकता है। इसलिए उसका तबादला एटा से नोएडा या गाजियाबाद कर दिया जाए।
वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से
पेश अधिवक्ता अर्चना सिंह ने कोर्ट को बताया कि नोएडा या गाजियाबाद में पद खाली नहीं है। भविष्य में सरकार कोई स्थानांतरण नीति लागू करती है तो याची तबादले के लिए आवेदन करने को स्वतंत्र है। हालांकि, स्थानांतरण नौकरी हिस्सा है, निहित अधिकार के रूप में कर्मचारी मनचाहे तबादले की मांग नहीं कर सकते। कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी।