नई दिल्ली, वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट में उद्योग जगत ने 20 लाख तक व्यक्तिगत आयकर की दरों में कमी की मांग रखी है। उद्योग जगत का कहना है कि आयकर अधिक होने की वजह से निम्न और मध्य आय वर्ग से आने वाले लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित हो रही है। ऐसे में अगर आर्थिक विकास की गति को बढ़ावा देना है तो उसके लिए ऐसे उपाय करने जरुरी है, जिनसे लोगों की खरीदारी करने की क्षमता बढ़े।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को उद्योग और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की, जिसमें तमाम औद्योगिक संगठनों ने आयकर दरों में कमी करने का मुद्दा उठाया। भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि व्यक्तियों के लिए उच्चतम सीमांत दर और सामान्य कॉरपोरेट पर कर दर के बीच का अंतर अधिक है। कॉरपोरेट पर कर कम है, जबकि व्यक्तिगत स्तर पर ज्यादा कर लग रहा है। ऐसे में महंगाई के चलते निम्न और मध्यम आय वर्ग से आने वाले लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित हुई है।