महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में विभिन्न निधि से प्राप्त होने वाली धनराशि प्रधानक्रयापक डकार रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण से मिलने वाली जानकारी इसी तरफ संकेत कर रही है। हालांकि विभाग ने गड़बड़ी वाले स्कूल प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। जवाब दाखिल करने के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।
- 5 साल की सेवा वाले शिक्षक ही कर सकेंगे अप्लाई
- सरकारी स्कूलों में खाना बनाने की व्यवस्था से गिर रहा शिक्षा का स्तर
- कार्रवाई : स्कूल से गायब रहने वाला शिक्षक सस्पेंड
- गबन के आरोप में 10 प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी, जांच टीम गठित
- शैक्षिक सत्र 2024-25 के यू-डायस डाटा में स्टूडेण्ट प्रोग्रेशन, इंपोर्ट एवं डाटा अपडेशन के उपरान्त ड्रापबाक्स में प्रदर्शित हो छात्रों की संख्या/विवरण को अपडेट किये जाने के सम्बन्ध में।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को ताबड़तोड़ कई परिषदीय स्कूलों किया। हर स्कूल में उन्हें एमडीएम बर्तन के लिए जारी धनराशि तो आहरित होने की रिपोर्ट तो मिली, लेकिन किसी स्कूल में नये चर्तन नहीं दिखे। कहीं आटा गूंथने के बर्तन में छेद तो कहीं बिना ढक्कन वाला पुराने कूकर में दाल पकती मिली। इसी प्रकार स्पोर्ट ग्रांट
से भेजा गया पैसा भी खर्च तो हो गई, लेकिन कोई भी खेल उपकरण नहीं उपलब्ध मिला। फरजंद दंगल, नंदना हरपुर, फरजंद अली, उच्च प्राथमिक भावचक सदर, प्राथमिक भावचक, रम्हौली, रुद्रापुर अहमदपुर, सरडीहा, चेहरी का निरीक्षण किया।
सभी स्कूलों में एमडीएम बर्तन व स्पोर्ट्स ग्रांट की रकम निकली पाई गई, लेकिन न तो बर्तन दिखा और न ही खेल सामग्री। यहां तक की उक्त सामग्री के खरीद की रसीद तक नहीं दिखा सके।
दोनों मदों के अंतर्गत सभी स्कूलों को लगभग 50-60 हजार रुपये सत्र 2024 में जारी किए गये। इसके अलावा प्रधानाध्यापक 2021,2022,2023 वित्तीय वर्ष में खर्च का साक्ष्य भी नहीं दिखा सके। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जवाब मांगने के साथ जांच टीम गठित कर दी है।
स्कूलों के निरीक्षण में यह साफ हो गया है कि विभिन्न मद की धनराशि तो स्कूलों में प्रधानाध्यापक ने निकाली, लेकिन जिस कार्य के लिए उपयोग करना था वह नहीं किया गया। तीन दिन में जवाब मांगते हुए जांच टीम गठित कर दी गई है। रिपोर्ट मिलने पर गवन का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। श्रवण गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी