प्रयागराज, यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के केंद्र निर्धारण में एक बार फिर वही खेल हो रहा है, जो पिछले साल हुआ था। बोर्ड मुख्यालय ने ऑनलाइन माध्यम से 7657 परीक्षा केंद्र तय कर सभी जिलों के डीआईओएस को भेजा था, जहां आपत्ति निस्तारण की आड़ में 485 परीक्षा केंद्र और बढ़ा दिए गए
- जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली है. वह देश के 52वें चीफ जस्टिस बन गए हैं
- पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग UPSC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका संख्या-5146/2024 प्रतिमा वर्मा व अन्य बनाम उ०प्र० राज्य व अन्य के सम्बन्ध में।
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में
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सोमवार की रात जारी केंद्रों की सूची में 8142 स्कूलों का नाम शामिल है। यही नहीं जिला विद्यालय निरीक्षकों ने मनमाने तरीके से राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों को सूची से हटाकर निजी यानी वित्त विहीन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बना दिया।
वित्त विहीन विद्यालयों से इतना मोह क्यों?
बोर्ड ने 940 राजकीय विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनाया था लेकिन जिलों से दोबारा मिली सूची में इनकी संख्या घटकर 576 रह गई है। इसी प्रकार बोर्ड ने 3512 सहायता प्राप्त विद्यालयों को केंद्र बनाया था, लेकिन जिलों से मिली सूची में इनकी संख्या कम होकर 3447 रह गई। इसके उलट वित्त विहीन स्कूलों की संख्या बढ़ गई है। बोर्ड ने 3205 वित्तविहीन स्कूलों को ही केंद्र बनाया था, लेकिन जिलों से इनकी संख्या बढ़कर 4119 हो गई। पिछले साल भी जिलों में यही खेल हुआ था। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे, पूछा था कि वित्त विहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र आखिर क्यों बनाया गया।