शाहजहांपुर
बेसिक शिक्षा विभाग के दो चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने बीएसए पर नियम विरुद्ध कार्य करवाने और वेतन रोकने के आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार के साथ सोमवार से खिरनीबाग जीआईसी मैदान में आमरण अनशन शुरू कर दिया। दोनों कर्मचारियों के समर्थन में शिक्षक संगठन भी देर रात तक अनशन स्थल पर डटे रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग के परिचारक/अर्दली नरेश कुमार और सेवक योगेश अरोड़ा ने डीएम को संबोधित पत्र में बताया कि उन पर झूठे आरोप लगाकर नियम विरुद्ध ढंग से ब्लॉक जैतीपुर और बंडा में संबद्ध कर दिया गया। कई बार आग्रह करने के बावजूद उनका संबद्धीकरण समाप्त नहीं किया गया। उनके द्वारा लगातार डयूटी करने पर भी नवंबर माह का वेतन रोक दिया गया। वेतन
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नहीं मिलने से परिवार में भुखमरी जैसी स्थिति बनी हुई है। दोनों ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा बीएसए का घरेलू कार्य करने से मना करने पर सेवा समाप्त करने और शहर से दूर ब्लॉकों में संबद्ध करने की धमकी दी गई। दोनों अनशनकारियों ने आरोप लगाया कि बीएसए के डर से कार्यालय के कर्मचारी उनके घर के काम करते हैं। डीएम को प्रेषित पत्र में दोनों कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीएसए के पति शराब और सिगरेट जैसी नशीली चीजें भी मंगवाते हैं। उत्पीड़न से तंग आकर वह परिवार के साथ आमरण अनशन कर रहे हैं। अनशन पर बैठे नरेश कुमार ने बताया कि देर शाम बीईओ एक पत्र लेकर आए थे, जिसमें दूसरे अनशनकारी योगेश अरोड़ा को उनके मूल विद्यालय कंपोजिट विद्यालय गुलामखेड़ा भेजने की बात कही गई, लेकिन उनके बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया, इसलिए अनशन जारी रखा जाएगा। वहीं, विभिन्न शिक्षक संगठनों के जिलाध्यक्ष अपने अन्य
साथियों के साथ अनशन स्थल पर देर रात तक डटे रहे। शिक्षक नेताओं ने भी आक्रोश जताते हुए दोनों कर्मचारियों को न्याय दिलाने की मांग की है।
सीडीओ ने कराई थी दोनों की जांच… बिना साक्ष्य आरोप लगाना अनुचित
बीएसए दिव्या गुप्ता ने बताया कि दोनों कर्मचारियों के प्रकरण की जांच सीडीओ ने स्वय कराई है, जिसकी आख्या तीन दिन में आने के बाद उनका वेतन जारी किया जाएगा। उन्होंने अनशन खत्म कराने के लिए बीईओ मुख्यालय को कर्मचारियों के पास भेजा था। बीएसए ने कहा कि अनशन पर बैठे कर्मचारियों का पक्ष सीडीओ द्वारा सुना जा चुका है। कर्मचारियों ने जो भी आरोप लगाए हैं, उनके साक्ष्य भी देने चाहिए, सिर्फ आरोप लगाना उचित नहीं।