लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के
स्कूलों में पांच से छह साल से लापता शिक्षकों पर अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बार-बार नोटिस के बावजूद भी शिक्षकों ने जवाब नहीं दिया है।
अमर उजाला ने आठ दिसंबर के अंक में ‘हद हो गई : कई साल से स्कूल ही नहीं आ रहे शिक्षक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें बताया गया था कि परिषदीय विद्यालयों के छह से अधिक शिक्षक कई साल से बिना किसी सूचना के स्कूल नहीं आ रहे हैं लेकिन विभाग ने अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। खबर छपने के बाद विभाग ने अब सक्रियता दिखाई है।

- 🛑अगर शिक्षक ही चुप रह जाएं, तो स्कूल बचाएगा कौन? 📢 अब समय आ गया है, जब हम केवल पढ़ाने वाले नहीं, भविष्य बचाने वाले बनें।
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इस संबंध में नियमावली की पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए संबंधित लिपिकों को निर्देश जारी हो चुके हैं।
कई साल से स्कूल नहीं आ रहे शिक्षकों को अब तक कई बार नोटिस जारी किया गया है, लेकिन इसका जवाब उनकी ओर से नहीं आया है। ऐसे सभी शिक्षकों को चिह्नित कर अब उनको बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी। – राम प्रवेश, बीएसए
पड़ोसियों ने बताया, विदेश चली गईं मैडम
■ विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तीन लापता शिक्षिकाओं के मामले में जब उन्हें नोटिस भेजा गया तो उनके पड़ोसियों ने बताया कि वे अब मूल पते पर नहीं रहतीं हैं। बताया, वे अब विदेश में हैं। नियम यह है कि किसी भी शिक्षक को विदेश जाने से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से एनओसी लेना अनिवार्य होता है। लेकिन लापता शिक्षकों में से किसी ने भी एनओसी नहीं ली।