गोपालगंज. सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ कुत्तों की निगरानी करेंगे. स्कूल के परिसर में कोई कुत्ता न घुस आए, इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की होगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने फरमान जारी किया है. प्राथमिक शिक्षा के राज्य निदेशक की ओर से निर्देश जारी किए जाने के बाद अलग-अलग जिलों में शिक्षा विभाग की ओर बीइओ तथा प्रधानाध्यापकों के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं.
निर्देश में बताया गया है कि बच्चों को कुत्तों से काटे जाने के खतरे को कम करने के लिए आवश्यक है कि विद्यालयों से निकले अवशेष पदार्थ को विद्यालय परिसर से दूर कूड़े फेंकने वाले स्थान पर फेंका जाए, ताकि कुत्ते विद्यालय परिसर से दूर रहे. इससे बच्चों को खतरा नहीं होगा. साथ ही यह भी बताया गया है कि विद्यालय परिसर में ऐसी कोई जगह न बनने दे जहां कुत्ते आकर बैठते है और गंदगी फैलाते हैं.
बच्चों को करें जागरूक
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश में यह बताया गया है कि स्कूलों में बच्चों को आवारा कुत्तों से सावधान रहने की सलाह दें. कुत्ते के काटने के बाद होने वाली बीमारी या जोखिम के बारे में जागरूक करते रहें, ताकि कुत्तों को देखकर वे सावधान रहें.
शिक्षा प्रबंधन सॉफ्टवेयर
केंद्रीय मंत्रालय ने भी दिया है निर्देश
बच्चों को कुत्तों से बचाव को लेकर केंद्रीय मंत्रालय ने भी निर्देश दिया है. मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार की ओर से बताया गया है कि विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों को कुत्तों से सुरक्षा प्रदान कराए केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिया है.