लखनऊ। बाराबंकी में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के पद पर तैनात अर्चना यादव के 17 साल के बेटे ने पढ़ाई के दबाव में आकर कमरे में फंदा लगा लिया। परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया। हादसे से परिवार सदमे में है। घटना पीजीआई इलाके की है।
बाराबंकी में सहायक निवासी अर्चना यादव का बेटा बेसिक शिक्षा अधिकारी हैं किशोर की मां
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वृंदावन योजना सेक्टर- 5सी ओजस्वी यादव (17) 11वीं का छात्र था। अर्चना के पिता राकेश चंद्र यादव कारोबारी हैं। उनका बड़ा बेटा यशस्वी एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहा है। शनिवार रात परिवार के सभी लोग खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सो गए। रविवार सुबह जब अर्चना उठीं और बेटे ओजस्वी को जगाने उसके कमरे में पहुंचीं। बेटे को पंखे में फंदे से लटका देखकर उनकी चीख निकल गई। पति राकेश और बड़ा बेटा यशस्वी भागकर कमरे में पहुंचे तो अर्चना बेसुध पड़ी थीं।
परिजन ने ओजस्वी को फंदे से उतारा, पर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। मोहल्ले के लोग भी जमा हो गए। हादसे की खबर पाकर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी अर्चना यादव के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।
इंस्पेक्टर पीजीआई रविशंकर त्रिपाठी ने बताया कि सूचना पाकर पुलिस भी छात्र के घर पहुंची। बात करने पर परिजनों ने बताया कि ओजस्वी ने पढ़ाई के दबाव में आकर जान दी है। वह आलमबाग में प्राइवेट कोचिंग में भी पढ़ने जाता था। पोस्टमार्टम कराने से परिजनों ने साफ मना कर दिया। इंस्पेक्टर का कहना है कि परिजनों ने किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है और भविष्य में भी कोई कार्रवाई न करने की बात लिखकर दी है। (संवाद)