आगरा। वित्त मंन्त्री सुरेश खन्ना द्वारा कल विधानसभा में पेश किए गए अनुपरुक बजट में शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि की कोई ब्यवस्था न होने से फिर एक बार निराशा हाथ लगी है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह छौंकर ने कहा कि सरकार का अनुपरुक बजट सिर्फ झूट का पिटारा है। बिगत सात सालों से सरकार की तरफ बड़ी ही आशा भारी निगाहों से टकटकी लगाए देख रहे लाखों शिक्षामित्रों को बजट में मानदेय वृद्वि या अन्य सुविधाओं के लिए स्पष्ट रूप से
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कोई राहत नहीं दी गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा अपने बजट अविभाषण में बोलते हुए सदन को अवगत कराया गया कि शिक्षामित्र आज भी निश्चित मानदेय पर यथावत कार्य कर रहे हैं। परन्तु शिक्षामित्रों को सरकार की तरफ से भविष्य में मानदेय वृद्धि का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है जिससे शिक्षामित्रों में भारी निराशा उत्तपन्न हुई है और सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है।
शिक्षामित्र पिछले सात सालों से
10 हजार प्रतिमाह मानदेय पर कार्य कर रहे हैं बढ़ती महंगाई के कारण अल्प मानदेय में परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्र विवश होकर 1 जनबरी से शुरू हो रहे शीतकालीन अवकाश में अपने परिवार सहित राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करते हुए धरना प्रदर्शन तथा आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व शासन और प्रशासन का होगा।