लखनऊ, प्राइमरी स्कूलों में सोमवार को शुरू हुई अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में शिक्षकों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। परीक्षा से पहले शिक्षकों ने प्रश्न पत्र में दिये सवाल ब्लैक बोर्ड पर लिखे। उसके बाद बच्चों ने परीक्षा दी।

- 🛑अगर शिक्षक ही चुप रह जाएं, तो स्कूल बचाएगा कौन? 📢 अब समय आ गया है, जब हम केवल पढ़ाने वाले नहीं, भविष्य बचाने वाले बनें।
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बीएसए कार्यालय की ओर से अर्द्ध वाषिक परीक्षा के प्रश्न पत्र हाथ से लिखे पीडीएफ प्रधानाध्यापकों को भेजी गई थी। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। पहली पाली सुबह 930 से 1130 और दूसरी पाली 1230 से 230 बजे के बीच हुई। कक्षा एक से पांच तक बच्चों का मौखिक परीक्षा हुई। जबकि कक्षा छह से आठ के बच्चों की क्राफ्ट, कृषि, खेल व शारीरिक शिक्षा की परीक्षा हुई।
निपुण ऐप ने दिया धोखा, प्रशिक्षु परेशान शहर व ग्रामीण इलाकों के काफी प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक व दो के बच्चों का निपुण एसेसमेंट था। डीएलएड प्रशिक्षओं को निपुण लक्ष्य ऐप पर बच्चों का एसेसमेंट करना था। काकोरी के प्राइमरी स्कूल में कक्षा एक व दो के बच्चों का एसेसमेंट किया। बच्चे ने सही सवाल दिये। प्रशिक्षु ने बच्चे के लिखने और पढ़ने के सही सवाल ऐप पर सही किये। इसके बावजूद बच्चे के आगे नॉन निपुण शो हो रहा था। एक अन्य स्कूल के 12 बच्चों को निपुण हुए। जब इनका ब्योरा ऐप पर अपलोड किया तो सभी बच्चों को अनुस्पथित कर दिया। स्कूल भी निपुण नहीं दिख रहे हैं।
कमोवेश यह समस्या सभी स्कूलों में रही। डीएलएड प्रशिक्षु और शिक्षक काफी परेशान रहें लेकिन ऐप की खामी दूर नहीं हो पायी। विद्या समीक्षा केन्द्र से मदद मांगी। पर, कोई राहत नहीं मिली।