लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने देशभर के आउटसोर्स कर्मचारियों की

- दूध में मिलावट पर तीन साल की सजा
- सरकार से छिपाई थी जानकारी, जांच में मिले शिक्षिका के तीन बच्चे, नौकरी से हुईं बर्खास्त
- फर्जी आधार और पैन कार्ड बना रहा चैटजीपीटी
- अन्तः जनपदीय म्यूच्यूअल स्थानांतरण अपडेट
- टीजीटी 2013 के चयनित अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के आदेश को दी चुनौती
सेवा नियमावली बनाए जाने व न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने आउटसोर्स कर्मियों को अर्ध कुशल, कुशल, डिप्लोमा तकनीकी व डिग्रीधारक चार श्रेणियों में बांटते हुए न्यूनतम मानदेय के निर्धारण का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने न्यूनतम मानदेय 20235 व 5400 के ग्रेड पे में रखे जाने वाले आउटसोर्स कर्मचारी के लिए 84500 न्यूनतम मानदेय का प्रस्ताव दिया है। परिषद की महामंत्री महामंत्री अरुणा शुक्ला ने ने बताया कि प्रस्ताव प्रस्ताव में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियमावली 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी करने तथा अर्ध कुशल, कुशल, कृषि, खनन, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मजदूरों को लाभान्वित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मियों की चयन प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए चयन आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसे आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ वार्ता में आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया था। इस पर उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है