लखनऊ। सुधार के नाम पर गोद लिए सरकारी स्कूल में पढ़ाई प्रभावित करने पर शिक्षा विभाग ने एनजीओ दुर्गा स्वरूप फाउंडेशन की अनुमति को रद्द कर दिया है। आरोप है कि एनजीओ संचालिका के बाउंसर विद्यालय परिसर में ही घूमते रहते थे। आए दिन पढ़ाई के दौरान विद्यालय में एनजीओ की बैठक की जाती थी।
काकोरी ब्लॉक में संचालित प्राथमिक विद्यालय पान खेड़ा को दुर्गा स्वरूप फाउंडेशन ने गोद लिया था। विद्यालय का विकास करने के साथ ही जरूरी संसाधनों व शिक्षण सामग्री की व्यवस्था करने की उसकी जिम्मेदारी थी। लेकिन फाउंडेशन ने शर्तें पूरी नहीं कीं।

- यूपी में कॉर्पोरेट लुक में नजर आएंगे नवनियुक्त सिपाही
- कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षक बनने का मौका , देखें विज्ञप्ति
- बीईओ का कोटा बढ़ाने के विरोध में सीएम से मिले
- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में फर्जी मार्कशीट बनाने का खुलासा
- छात्र से जनेऊ उतरवाने के मामले में प्रिंसिपल और स्टाफ निलंबित
प्राथमिक विद्यालय पान खेड़ा का मामला, जांच के बाद बीएसए ने दुर्गा स्वरूप फाउंडेशन की अनुमति की रद्द
शिक्षकों का आरोप है कि विद्यालय में पढ़ाई के दौरान फाउंडेशन की ओर से निजी गतिविधियां कराई जाने लगीं। इस दौरान फाउंडेशन की संचालिका शिक्षिकाओं की घंटों बैठक लेकर समय बर्बाद कर रही थीं।
संचालिका के बाउंसर भी विद्यालय में मौजूद रहते थे, इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। शिकायत मिलने के बाद बीईओ से जांच कराई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद बीएसए राम प्रवेश ने फाउंडेशन की अनुमति रद्द कर दी है।