प्रयागराज : यूपी बोर्ड परीक्षा की वर्ष 2024 की उत्तरपुस्तिकाओं
के मूल्यांकन में कुछ परीक्षकों एवं उप प्रधान परीक्षकों (डीएचई) द्वारा गड़बड़ी किए जाने का बड़ा मामला सामने आया है। इंटरमीडिएट की एक उत्तरपुस्तिका में प्रश्न के लिए जहां निर्धारित पूर्णांक से अधिक अंक दिए गए तो वहीं सही उत्तर पर शून्य अंक अंकित किए गए। इतना ही नहीं, दूसरे मामले में परीक्षक व डीएचई ने कई सही उत्तरों पर शून्य अंक दिए। एक अन्य उत्तरपुस्तिका पर 63 अंक प्रदान किया गया, लेकिन एवार्ड ब्लैंक पर सिर्फ छह अंक चढ़ाया। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए बोर्ड की परीक्षा समिति ने संबंधित परीक्षक व डीएचई को परीक्षा कार्य से डिबार कर दिया।
इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के बाद कुछ परीक्षार्थियों ने कम अंक
हाई कोर्ट के आदेश पर बोर्ड ने चेक कराईं संबंधित कापियां, परीक्षक किए गए डिबार
मिलने पर आरटीआइ के माध्यम से अपनी उत्तरपुस्तिकाएं देखीं तो हैरान रह गए। क्योंकि मूल्यांकन में बड़े स्तर पर विसंगति हुई थी। इसके चलते कम अंक मिलने की शिकायत लेकर कुछ परीक्षार्थी हाई कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने बोर्ड को आदेश दिए कि याची परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिका देखकर सही अंक प्रदान किया जाए। कोर्ट के आदेश के क्रम में बोर्ड ने परीक्षण कराया, जिसमें पाया कि परीक्षक और डीएचई के स्तर से त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन किया गया है। परीक्षक व डीएचई बने आगरा के चाहरवाटी इंटर कालेज अकोला के हरिओम शर्मा तथा आगरा के ही ग्वाल बाबा आदर्श इंटर कालेज जगनेर के नितिन कुमार ने दो प्रश्नों पर पूर्णांक 10 व चार अंक के सापेक्ष
क्रमशः 14 व पांच अंक दिए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने दो अंक के सही उत्तर पर कोई अंक नहीं दिए। इसके अलावा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर कम अंक प्रदान किए थे। दोनों को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया गया।
ऐसे ही एक अन्य मामले में परीक्षक और डीएचई बने संभल के शंकर भूषण शरण जनता इंटर कालेज के आशुतोष रस्तोगी तथा राजकीय इंटर कालेज लेहराबंद संभल के चंद्रपाल सिंह ने मूल्यांकन के उपरांत उत्तरपुस्तिका पर कुल 63 अंक लिखे, लेकिन एवार्ड ब्लैंक पर केवल छह अंक अंकित किए। दोनों को आजीवन डिबार किया गया है। तीसरे मामले में कोहरा सुतावर इंटर कालेज देवरिया के दीपक त्रिवेदी एवं श्री बाहर सिंह श्रीनेत इंटर कालेज इंदूपुर देवरिया के वेद प्रकाश कुमुद ने एक उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में 12 सही उत्तरों पर शून्य अंक दिए।