मथुरा। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए शासन द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी हर साल बड़ी संख्या में बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे बच्चे, जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा या जिन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी, उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) सुनील दत्त ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को शिक्षकों की टोली बनाने के निर्देश दिए हैं। यह टोली गांव-गांव जाकर ऐसे बच्चों की पहचान करेगी, जो शिक्षा से दूर हैं। टोली के सदस्य अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाएंगे और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे।
शैक्षिक सत्र 2024-25 में जिले में शिक्षा विभाग ने 1500 बच्चों को चिह्नित कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया। बीएसए ने बताया कि शिक्षकों की टोली द्वारा चिह्नित किए गए बच्चों को आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत नए सत्र में प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस सत्र के दौरान ड्रॉप आउट बच्चों के सर्वेक्षण में पता चला कि अधिकांश परिवार जिले से पलायन कर चुके हैं। कुछ अभिभावकों ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए बच्चों को स्कूल नहीं भेजा था। इस स्थिति को सुधारने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।