बरेली, । शत प्रतिशत छात्रों की अपार आईडी बनाने का निर्देश स्कूलों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। जेडी ने शत प्रतिशत अपार आईडी न बनाने वाले स्कूलों की एनओसी निरस्त करने की चेतावनी दी है। वहीं स्कूल संचालकों का कहना है कि जब सभी छात्रों के आधार कार्ड ही नहीं बने हैं तो उनकी अपार आईडी कैसे बनाई जाए।
यू डायस प्लस पोर्टल के माध्यम से सितंबर से ऑटोमैटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने का काम
शुरू हुआ था। इस आईडी की मदद से सभी छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि को ट्रैक किया जा सकेगा। आईडी बनाने के लिए शिक्षकों को यू-डायस प्लस पोर्टल पर छात्रों का नाम, आयु, जन्म तिथि, लिंग आदि की एंट्री करनी होती है। उसके बाद 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी हो जाता है। जिले में 5177 स्कूलों के 837964 विद्यार्थियों की आईडी बननी है मगर अभी तक 416586 छात्र-छात्राओं की ही आईडी बनी है। जेडी ने तीन दिनों के अंदर स्ववित्त पोषित स्कूलों को सभी छात्रों की
अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया है। लगभग हर स्कूल में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनका अभी आधार कार्ड ही नहीं बना है। बिना
आधार कार्ड के अपार आईडी बनना संभव नहीं है। ऐसे में स्कूल संचालक परेशान हैं कि आखिर कैसे सभी छात्रों की अपार आईडी बनाई जाए।
आरटीआई का जवाब-अनिवार्य नहीं अपार
शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ रहे छात्र के पिता ने अपार आईडी के लिए डिटेल देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि आरटीआई में सूचना मांगने पर बताया गया है कि अपार आईडी बनवाना किसी भी बच्चे के लिए अनिवार्य नहीं है। यह केवल माता-पिता या अभिभावक की सहमति पर ही बनाई जा सकती है। छात्रों को अपार आईडी बनवाने को मजबूर नहीं किया जा सकता। अपार आईडी न बनवाने से किसी भी स्कूल सुविधा को वापस नहीं लिया जाएगा। यह एक वैकल्पिक आईडी है। अपार आईडी बनाने में आधार कार्ड आवश्यक है। आधार एक अपवाद रहित आवश्यकता है। छात्र का नाम यू-डायस प्लस पोर्टल में उसके आधार नाम से मेल खाना चाहिए।