म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों में नॉमिनी जोड़ने की प्रक्रिया में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इसके तहत अब निवेशक अपने खाते में 10 नॉमिनी जोड़ सकेंगे और प्रत्येक नामांकन का सत्यापन मोबाइल ओटीपी के जरिए करना होगा। सेबी ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जो एक मार्च 2025 से लागू होंगे।
सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों और डिपॉजिटरी जैसे विनियमित संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे निवेशकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से नामांकन फॉर्म जमा करने का विकल्प दें। इसी के साथ निवेशक को हर नामांकन जमा करने पर एक रसीद मिलेगी, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरकरार रहेगी।
एकल म्यूचुअल फंड और डीमैट खाताधारकों के लिए नामांकन अनिवार्य होगा, लेकिन संयुक्त खातों में इसे वैकल्पिक रखा गया है। साथ ही निवेशक कभी भी नॉमिनी बदल सकते हैं। इसके अलावा, विनियमित संस्थाओं को खाते या फोलियो के हस्तांतरण के बाद आठ सालों तक नॉमिनी और रसीद का रिकॉर्ड बनाए रखना होगा।
इस तरह कर पाएंगे सत्यापन नॉमिनी जोड़ते वक्त निवेशक को तीन विकल्प मिलेंगे। पहले विकल्प के तौर पर आधार आधारित ई-साइन या किसी अन्य ई-साइन सुविधा का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा दोहरा प्रमाणीकरण होगा, जिसमें निवेशक के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ई-मेल पते पर ओटीपी भेजा जाएगा। दोनों ओटीपी को दर्ज करने पर सत्यापन प्रक्रिया पूरी होगी। तीसरे विकल्प के तौर पर डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऑफलाइन तरीके से ऐसे जोड़ सकेंगे
विनियमित संस्थाओं के प्रतिनिधि के समक्ष निवेशक को नॉमिनी फॉर्म भरकर उस पर हस्ताक्षर करने होंगे। अगर निवेशक अक्षम है तो प्रतिनिधि को उसके पास जाकर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। फॉर्म भरने के दौरान दो गवाह होने भी जरूरी हैं। निवेशक किसी भी समय नामांकन जोड़ने, बदलने, या हटाने का विकल्प रख सकते हैं।