केंद्र सरकार आम बजट में शिक्षा का बजट पंद्रह से बीस प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हो सकती हैं और बजट आवंटन बढ़ाया जा सकता है।
पिछले कुछ सालों में शिक्षा का बजट लगातार बढ़ाया गया है। वर्ष 2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इसमें सबसे अधिक 73,498 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को दिए गए। इस बार स्कूली शिक्षा का बजट 80 हजार करोड़ रुपए के करीब पहुंच सकता है।
उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति की जरूरतों के अनुरूप रिसर्च, इनोवेशन और नए संस्थानों के लिए आवंटन बढ़ाने के स्पष्ट संकेत हैं। सूत्रों ने कहा, बजट में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत मैकेनिज्म तैयार करने पर जोर दिया जा सकता है। पीएमश्री योजना के तहत नए स्कूलों को शामिल करने की घोषणा भी बजट में संभव है।
वित्तीय सहायता की प्रगति का खाका हो सकता पेश
बजट में पिछले साल उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन पर वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई थी। इसके लिए नया पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है। इसके तहत छात्रों को बिना किसी गारंटर के एजुकेशन लोन मिलेगा। सरकार बजट में इस योजना की प्रगति का खाका पेश कर सकती है।
जीडीपी के छह फीसदी खर्च के लक्ष्य से अभी दूर
पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव एके रथ का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि हुई है। लेकिन यह जीडीपी के छह फीसदी खर्च के लक्ष्य से अभी दूर है। इस बजट में आवंटन बढ़ाकर इसे कम से कम साढ़े चार फीसदी तक पहुंचाया जाए तो भी एक कदम और आगे बढ़ेगा।