बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेशभर में प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की हाई टेंशन अथवा लो टेंशन (एचटी/एलटी) लाइनों को अपने खर्चे पर हटवाएगा। खतरे का कारण बनती जा रही इन लाइनों को हटाने के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग विद्युत विभाग से लगातार अनुनय-विनय करता रहा लेकिन बात इस कार्य पर होने वाले खर्चे पर आकर अटकती रही।
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इस दौरान शासन स्तर से भी कई बार दोनों विभागों के बीच मध्यस्थता कर सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश की गई लेकिन भारी खर्चे की वजह से दोनों विभाग इस कार्य पर अटकते रहे। आजिज आकर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में परिषदीय प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को अपने खर्चे पर हटाने का निर्णय किया है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम एक सर्कुलर जारी कर एक प्रोफार्मा भी जारी किया गया है, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनके जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या भरने को कहा गया है, जिन स्कूलों के ऊपर से एचटी/एलटी लाइनें गुजरती हैं।
साथ ही एचटी/एलटी लाइनों की शिफ्टिंग या हटाने पर आने वाले खर्चों का ब्यौरा देने को कहा गया है। दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि विभाग के इस निर्णय का बड़ा बजट इस कार्य में व्यय हो जाएगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि जिन स्कूलों के ऊपर से बिजली की लाइनें गुजर रहीं हैं, वे सभी पुराने स्कूल हैं जहां इस तरह की समस्याएं अभी भी बरकरार हैं।
नए नियम से तो मान्यता ही नहीं दी जा सकती
स्कूलों को मान्यता दिए जाने के नए नियम के अनुसार अगर विद्यालय भवन या परिसर के ऊपर से बिजली की तार गुजर रही है, तो ऐसी दशा में उस स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती। यह मानक मान्यता के शीर्ष पांच मानकों में से एक है।
इन प्रमुख जिलों में अधिक है ऐसे स्कूलों की संख्या
फिरोजाबाद, आगरा, सुलतानपुर, आजमगढ़, गोण्डा, बहराइच, बुलंदशहर, चित्रकूट, हमीरपुर, एटा, मुजफ्फरनगर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी तथा मुरादाबाद।