लखनऊ , । विद्या, ज्ञान, बुद्धि, संगीत व कला की देवी मां सरस्वती के पूजन व ऋतुराज बसंत के आगमन के प्रतीक बसंत पंचमी तिथि को लेकर इसबार थोड़ा भ्रम बना है। बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनायी जाती है। पंचांगों में पंचमी तिथि की शुरुआत और समापन के समय में अंतर होने के कारण कुछ पंचांग दो फरवरी और कुछ पंचांग उदया तिथि अनुसार तीन फरवरी को बसंत पंचमी मान रहे हैं।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन से कमाई न करे सरकार
- Primary ka master: बर्थ सर्टिफिकेट और आधार के फेर में अटका ‘अपार’, शिक्षकों को वेतन रोकने का नोटिस
- Primary ka master: आयकर: 30 फीसदी स्लैब का बढ़ सकता है दायरा
- यूपीपीएससी : दूसरे साल भी शिक्षक भर्ती को कैलेंडर में नहीं मिली जगह, शिक्षक भर्ती को लेकर उहापोह की स्थिति
- शारीरिक परीक्षण में उगाही करने पर चिकित्साधिकारी निलंबित
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माघ शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत दो फरवरी को सुबह 9.14 पर हो रही है। पंचमी तिथि का समापन तीन फरवरी को सूर्योदय होते ही सुबह 6.52 पर होगा। ऐसे में बसंत पंचमी का पर्व रविवार दो फरवरी को मनेगा।
उदया तिथि के अनुसार तीन को मनेगा पर्व
काशी के ऋषिकेश और महावीर पंचांग के अनुसार पंचमी दो फरवरी को सुबह 11.53 पर लगेगी और तीन को सुबह 9.36 बजे समाप्त होगी। पंडित आनंद दुबे ने बताया कि उदया तिथि अनुसार बसंत पंचमी तीन फरवरी को मनाई जाएगी।