लखनऊ , । विद्या, ज्ञान, बुद्धि, संगीत व कला की देवी मां सरस्वती के पूजन व ऋतुराज बसंत के आगमन के प्रतीक बसंत पंचमी तिथि को लेकर इसबार थोड़ा भ्रम बना है। बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनायी जाती है। पंचांगों में पंचमी तिथि की शुरुआत और समापन के समय में अंतर होने के कारण कुछ पंचांग दो फरवरी और कुछ पंचांग उदया तिथि अनुसार तीन फरवरी को बसंत पंचमी मान रहे हैं।

- दहेज के लिए सरकारी शिक्षक और परिवार का उत्पीड़न:स्कॉर्पियो और 5 लाख की मांग, महिला को घर से निकाला; पति पर FIR दर्ज
- हाईकोर्ट ने कहा… शादी के बाद गैर पुरुष से अश्लील चैटिंग करना पति के प्रति क्रूरता
- 69000 शिक्षक भर्ती: होली पर अन्न त्याग कर अभ्यर्थियों का अनोखा विरोध, सरकार पर लगाए बड़े आरोप
- Primary ka master इको क्लब रजिस्टर ऐसे बनाए
- CCL नवीनतम फॉर्म डाउनलोड करें
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माघ शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत दो फरवरी को सुबह 9.14 पर हो रही है। पंचमी तिथि का समापन तीन फरवरी को सूर्योदय होते ही सुबह 6.52 पर होगा। ऐसे में बसंत पंचमी का पर्व रविवार दो फरवरी को मनेगा।
उदया तिथि के अनुसार तीन को मनेगा पर्व
काशी के ऋषिकेश और महावीर पंचांग के अनुसार पंचमी दो फरवरी को सुबह 11.53 पर लगेगी और तीन को सुबह 9.36 बजे समाप्त होगी। पंडित आनंद दुबे ने बताया कि उदया तिथि अनुसार बसंत पंचमी तीन फरवरी को मनाई जाएगी।