लखनऊ , । विद्या, ज्ञान, बुद्धि, संगीत व कला की देवी मां सरस्वती के पूजन व ऋतुराज बसंत के आगमन के प्रतीक बसंत पंचमी तिथि को लेकर इसबार थोड़ा भ्रम बना है। बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनायी जाती है। पंचांगों में पंचमी तिथि की शुरुआत और समापन के समय में अंतर होने के कारण कुछ पंचांग दो फरवरी और कुछ पंचांग उदया तिथि अनुसार तीन फरवरी को बसंत पंचमी मान रहे हैं।

- 26 जिलों के बीएसए को नोटिस, परस्पर तबादले में शिक्षकों के आवेदन सत्यापन न करने पर सख्ती
- चोरों के निशाने पर परिषदीय विद्यालय, प्रभावित हो रहा मिड-डे-मील
- मिड डे मील के बर्तन खरीद की होगी जांच, टीम गठित
- सुनवाई:नीट-यूजी के परिणाम पर अंतरिम रोक लगी
- अगले तीन दिन तक हीटवेव की चेतावनी, गर्मी का कहर, बांदा में पारा 46 डिग्री: पश्चिम यूपी में बरसे अंगारे,पूर्वांचल में आंधी बनी आफत
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि माघ शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत दो फरवरी को सुबह 9.14 पर हो रही है। पंचमी तिथि का समापन तीन फरवरी को सूर्योदय होते ही सुबह 6.52 पर होगा। ऐसे में बसंत पंचमी का पर्व रविवार दो फरवरी को मनेगा।
उदया तिथि के अनुसार तीन को मनेगा पर्व
काशी के ऋषिकेश और महावीर पंचांग के अनुसार पंचमी दो फरवरी को सुबह 11.53 पर लगेगी और तीन को सुबह 9.36 बजे समाप्त होगी। पंडित आनंद दुबे ने बताया कि उदया तिथि अनुसार बसंत पंचमी तीन फरवरी को मनाई जाएगी।