पीलीभीत। अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के चयन के निर्देश जारी होते ही परिषदीय स्कूलों केे शिक्षकोंं में हलचल तेज हो गई है। आवेदन में पूर्व के एआरपी को मौका न मिलने की चर्चा सबसे ज्यादा है।
परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक सुपरविजन को विषयवार एआरपी रखे गए हैं। इनका कार्यकाल तीन वर्ष का है। चयनित एआरपी स्कूलों में जाकर अपने विषय से संबंधित सुपरविजन और बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी संभालनी होती है। पहले चरण में चयनित एआरपी का कार्यकाल पूरा होने को है। नए एआरपी के चयन के निर्देश जारी हो गए हैं। चयन प्रक्रिया 15 मार्च तक पूरी की जानी है। चयन प्रक्रिया में पहले चरण मेंं चयनित एआरपी को मौका नहीं मिलेगा। प्रभारी बीएसए शिवशंकर मौर्य ने बताया कि एआरपी को दोबारा आवेदन का मौका नहीं मिलेगा।
जिले में रखे जाएंगे 38 एआरपी
प्रत्येक ब्लॉक में गणित, अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान व सामाजिक विषय का एक-एक एआरपी रखा जाना है। इस तरह से प्रत्येक ब्लॉक में पांच शिक्षक एआरपी पद पर चयनित किए जाएंगे। जिले के सात ब्लाॅकों के 35 और नगर क्षेत्र में तीन एआरपी मिलाकर 38 एआरपी रखे जाएंगे।
शैक्षिक सहयोग कम, निर्देश ज्यादा देने लगे एआरपी
परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक सपोर्ट और सुपरविजन की जिम्मेदारी संभालने वाले एआरपी अपना मुख्य कार्य छोड़कर निर्देश और निरीक्षण पर ध्यान अधिक दे रहे हैं। इस संबंध में कई शिकायतें भी सामने आईं थी। कई अन्य आरोप भी लगे। एआरपी चयन के निर्देश आते ही कई शिक्षकों में खुशी भी है।