प्रयागराज। 24 फरवरी से प्रस्तावित 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड ने शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यूपी बोर्ड ने हर साल की तरह साफ किया है कि उन्हीं शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को चिकित्सकीय अवकाश मिलेगा जो मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगे।
सचिव भगवती सिंह की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि बोर्ड परीक्षा में प्राय यह देखा गया है कि कुछ प्रधानाचार्य व अध्यापक केंद्र व्यवस्थापक एवं कक्ष निरीक्षक का कार्य नहीं करना चाहते हैं।
और अस्वस्थता प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर छुट्टी ले लेते हैं। इससे जिला विद्यालय निरीक्षक को परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यस्थापक व कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन के मद्देनजर यह तय किया गया है कि परीक्षा शुरू होने से पूर्व जो प्रधानाचार्य, अध्यापक, कर्मचारी चिकित्सकीय अवकाश के लिए आवेदन करें, उन्हें जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी के पास उनकी अस्वस्थता की पुष्टि कराने व चिकित्सा आवेदन पत्र को प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए भेजा जाए। सीएमओ की ओर से जारी प्रमाणपत्र के आधार पर ही चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत किया जाए।
सचिव ने सभी सीएमओ से अनुरोध किया है कि बोर्ड परीक्षा शुरू होने के पूर्व यदि कोई प्रधानाचार्य, अध्यापक, कर्मचारी अस्वस्थता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करता है, तो संबंधित कार्मिक को प्रमाणपत्र जारी करने से पहले उसका सम्यक परीक्षण कर लिया जाए कि चिकित्सकीय अस्वस्थता प्रमाण पत्र देना आवश्यक है या नहीं, क्योंकि परीक्षा का कार्य अत्यंत आवश्यक एवं समयबद्ध है।