लखनऊ। प्रदेश के सरकारी विभागों में 6.12 लाख संविदा और आउटसोर्स कर्मियों के सहारे काम चलाया जा रहा है। दो विभागों बाल विकास पुष्टाहार और स्थानीय निकायों में इनकी संख्या सर्वाधिक है। बाल विकास पुष्टाहार में 2.88 लाख तो निकायों में 1.70 लाख ऐसे कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के 28 विभागों ने ही मात्र कार्मिक विभाग को इसकी सूचना दी है। सभी विभागों की संख्या मिलने के बाद यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला हो सकता है। इससे माना जा रहा है कि राज्य सरकार के लाख प्रयास के बाद भी सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों की संख्या अधिकारियों की मनमानी से बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने सरकारी कामकाज के लिए स्थाई कर्मियों की व्यवस्था की है। इसके लिए आयोग और बोर्डों का गठन किया गया है। इनके द्वारा लगातार कर्मियों की भर्तियां की जा रही हैं। सरकारी विभागों, स्कूलों और निकायों में 17.78 लाख के आसपास कर्मचारी बताए जाते हैं। कार्मिक विभाग का स्पष्ट आदेश है कि बहुत जरूरी होने पर ही समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर ही संविदा कर्मी रखे जाएंगे। इसके बाद भी उच्चाधिकारी द्वारा अपने स्तर पर सभी पदों पर संविदा कर्मियों को रख रहे हैं। इससे खराब स्थिति तो यह है कि सरकारी विभागों द्वारा बार-बार सूचना मांगे जाने के बाद भी इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। कार्मिक विभाग पिछले काफी समय से ऐसे कर्मियों की सूचना मांग रहा है, लेकिन अभी तक 28 विभागों द्वारा ही पूरी तरह से जानकारी दी गई है।
77