अपनी बाइक या स्कूटर के लिए शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कवरेज में से एक चुनना मुश्किल हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि दोपहिया का लॉन्ग टर्म बीमा कई तरह के लाभ देता है
पॉलिसी रिन्यूवल की परेशानियां नहींहालांकि ऑनलाइन रिन्यूअल चलन में हैं और काफी सरल होता है, फिर भी इसकी तय तारीख भूल जाना भी आम बात है। इसीलिए लॉन्ग टर्म बीमा पॉलिसी के तहत लेयर कवरेज चुनकर आप इस झंझट से 2 से 5 वर्षों के लिए मुक्त हो सकते हैं।
प्रीमियम में बचत होती है बीमा कंपनियां वार्षिक रूप से अपने प्रीमियम में बीस प्रतिशत के लगभग की वृद्धि करती हैं। लॉन्ग टर्म मल्टी लेयर इंश्योरेंस कवरेज में आप हर साल होने वाली इस बढ़ोतरी से अपनी पॉलिसी की अवधि तक बचे रहते हैं, यानी लगभग 2,3 या 5 साल की अवधि तक।
नो क्लेम बोनस की सुरक्षा अपनी बाइक का बीमा सही समय पर रिन्यू कराते हैं, तो आपका नो क्लेम बोनस बढ़ता है। यह बीमा अवधि में किसी तरह की राशि भुगतान के क्लेम ना करने पर दिया जाने वाला रिवॉर्ड होता है। जितने लंबे समय तक आपकी ओर से किसी तरह का क्लेम नहीं किया जाता, उतना ही बोनस आपको मिलता है, जिससे प्रीमियम 50 फीसदी तक घट जाता है। लेकिन अगर आप रिन्यू करना भूल जाते हैं, तो इस बोनस के खोने का डर भी रहता है। ऐसे में लंबी अवधि का समग्र बाइक इंश्योरेंस काम आता है, जिसमें आपको अपने एनसीबी यानी नो क्लेम बोनस की हर साल चिंता नहीं करनी होगी। यह पॉलिसी चलने तक सुरक्षित रहता है।
ब्रेक इन पॉलिसी जब आपको पॉलिसी दोबारा लेनी पड़ जाती है, तो इंश्योरर वाहन की स्थिति देखता है। अगर टू-व्हीलर अच्छी स्थिति में नहीं होगा, तो प्रीमियम ज्यादा हो सकता है। लंबी अवधि के बाइक इंश्योरेंस के साथ कवरेज में कोई अंतराल नहीं आता और ऐसा कोई मुद्दा ही खड़ा नहीं होता।
कानूनी कार्यवाही से बचाव अगर दोपहिया वाहन का बीमा नहीं है, तो कानूनी कार्रवाई होती है। इसमें चूक ना हो, इसमें लॉन्ग टर्म टू व्हीलर इंश्योरेंस तुलनात्मक रूप से ज्यादा मददगार होता है,क्योंकि एक बार का इंश्योरेंस कम से कम 2-3 साल की निश्चिंतता देता है।
शर्तें ज्यादा सरल होती हैं कुछ लोगों को लंबी अवधि तक एक कॉन्ट्रैक्ट करना बंधन लग सकता है। पर अधिकतर ऐसी पॉलिसीज आपको इसे कभी भी निरस्त करने का अधिकार भी देती हैं। ऐसे में आपके प्रीमियम की शेष रह गयी राशि वापस भी की जाती है। नो क्लेम बोनस नए इंश्योरर को ट्रांसफर किया जा सकता है। इसमें कुछ छूट आदि भी मिलती है। ऐसी पॉलिसीज का प्रबंधन करना भी बहुत आसान होता है।
दोपहिया है, तो उसका बीमा कराना भी एक वरीयता है। इसके लिए कई तरह की पॉलिसी बाजार में हैं। लंबी अवधि और छोटी अवधि के बीमा के बीच किसे चुनें अपने दोपहिया के लिए, जानिए