अभी शादी के बाद ससुराल से मायके के विद्यालय जाती हैं पढ़ाने
लखनऊ : विवाहित महिला शिक्षामित्रों का अब दूसरे
जिले के परिषदीय प्राथमिक व कंपोजिट स्कूल में स्थानांतरण हो सकेगा। अभी शादी के बाद उन्हें ससुराल से मायके के विद्यालय पढ़ाने जाना पड़ता है। अब उन्हें बड़ी राहत मिल गई है। पति के निवास प्रमाणपत्र के आधार पर उनका तबादला होगा। वहीं पुरुष व अविवाहित महिला शिक्षामित्रों का अपने जिले की ग्राम सभा, ग्राम पंचायत व वार्ड के किसी भी विद्यालय में तबादला हो सकेगा। स्थानांतरण के लिए जल्द समय सारिणी जारी की जाएगी। छह वर्ष बाद नई स्थानांतरण व समायोजन नीति जारी कर शिक्षामित्रों को बड़ी राहत दी गई है।
प्रदेश में कुल 1,46,664 शिक्षामित्रों में से करीब 51 हजार शिक्षामित्रों को इससे लाभ होगा।
पुरुष व अविवाहित महिलाओं का जिले की ग्राम सभा में तवादला
आनलाइन स्थानांतरण के लिए 60 अंकों का भारांक निर्धारित किया गया है। नए विद्यालय में स्थानांतरण किए जाने पर तीन दिन में शिक्षामित्र को ज्वाइन करना होगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम की ओर से शिक्षामित्रों के लिए नई स्थानांतरण व समायोजन नीति शुक्रवार को जारी कर दी गई। पुरुष व अविवाहित महिला शिक्षामित्रों के लिए अगर जिले के भीतर उनके पूर्व के मूल विद्यालय में, जहां उनकी पहली तैनाती हुई थी, वहां पद खाली नहीं है तो ग्रामसभा के दूसरे विद्यालय में रिक्त पद पर उनका तबादला होगा। जिन शिक्षामित्रों के द्वारा कार्यरत विद्यालय में ही पदास्थापित किए जाने का विकल्प
दिया जाएगा तो ऐसे आवेदन पत्रों पर किसी भी तरह की कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी।
निर्धारित भारांक के आधार पर जिला स्तरीय समिति स्थानांतरण करेगी। अगर एक पद पर उससे अधिक आवेदन हैं तो भारांक के आधार पर तैनाती होगी। मानव संपदा पोर्टल के डाटा के आधार पर ऐसे परिषदीय प्राथमिक स्कूल व कंपोजिट विद्यालयों में, जहां शिक्षामित्र कार्यरत न हो, वहां पर दो रिक्तियां चिह्नित की जाएंगी। जहां एक शिक्षामित्र कार्यरत होगा, वहां एक पद रिक्त घोषित किया जाएगा। नक्सल प्रभावित जिलों के ऐसे विद्यालय, जहां एक भी शिक्षामित्र नहीं है, वहां तीन पदों पर, जहां एक शिक्षामित्र है वहां दो पदों पर और जहां पर दो शिक्षामित्र हैं, वहां एक पद पर शिक्षामित्र का समायोजन होगा