गाजियाबाद, गुलशन भारती। शिक्षा में लापरवाही, समय पर सिलेबस पूरा नहीं कराने वाले और स्कूलों में नियमों के मुताबिक कार्य नहीं कराने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। साथ ही छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ दिलाने में भी कोताही बरतने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। शासन ने सभी स्कूलों की प्रगति रिपोर्ड मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण आंकलन करेगा।
उप्र विद्यालय मानक प्राधिकरण परखेगा स्कूलों की गुणवत्ता
शासन ने जिले के सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की प्रगति रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण स्कूलों की गुणवत्ता को परखेगा। इसमें छात्र-छात्राओं को सरकारी योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है और उन्हें अच्छी शिक्षा दी जा रही है या नहीं, समय पर सिलेबस पूरा हो रहा है या नहीं, जो प्रोजेक्ट दिए गए हैं वह कराए जा रहे हैं या नहीं और स्कूलों में शासन की कितनी योजनाएं लागू की गई हैं तथा छात्रों को इसका कितना लाभ मिल रहा है इसकी पूरी निगरानी करेगा। कुल मिलाकर जिले के विद्यालयों के कार्यों और प्रगति की निगरानी का जिम्मा प्राधिकरण को दिया है। शासन के इस कदम से जिले के स्कूलों में जो योजनाएं चल रही हैं उनमें तेजी आएगी और छात्र-छात्राओं को बेहतर पढ़ाई भी मिलेगी। कई बार शिक्षक इसमें लापरवाही करते हैं। अब निगरानी समिति के डर से शिक्षक इससे बचेंगे।
20 जनवरी तक देनी है रिपोर्टः
जिले में 446 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट स्कूलों के साथ-साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग के 232 से अधिक स्कूल हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि सभी स्कूलों से उनकी प्रगति और गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट भेजने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है। इसके बाद रिपोर्ट का मूल्यांकन होगा। उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण के अधिकारी स्कूलों की दी गई जानकारी का सत्यापन करेंगे।
ढिलाई बरतने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाईः
शासन की तरफ से छात्रों को उनके लिए लागू की गई योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं। अगर कोई विद्यालय छात्रों को योजनाओं के लाभ नहीं दिला पा रहा है तो उसकी जांच की जाएगी। टाइम टेबल के मुताबिक स्कूलों में कक्षाएं लगाने और समय पर कोर्स पूरा कराने के भी सख्ति निर्देश हैं। इसके लिए ही स्कूलों से प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर ढिलाई बरतने वाले प्रधानाचार्यों तथा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।