छात्रवृत्ति की वेबसाइट पर दिखे आईटीआर का ब्योरा, हो रही ऐसी व्यवस्था
लखनऊ। सरकारी कर्मचारी छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना का बेजा फायदा नहीं उठा पाएंगे। इसके लिए छात्रवृत्ति की वेबसाइट पर ही छात्र के माता-पिता या अभिभावक के इनकम टैक्स का ब्योरा प्रदर्शित होने की व्यवस्था की जा रही है। समाज कल्याण विभाग ने इस संबंध में श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड से मदद मांगी है।
प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों के विद्यार्थी और दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले अन्य वर्गों के विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। विगत वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें माता-पिता,
समाज कल्याण विभाग ने श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड से मांगी मदद
अभिभावक या पति की सरकारी नौकरी होने के बावजूद छात्रों ने तहसील से फर्जी आय प्रमाणपत्र बनवाया। उसके आधार पर भुगतान प्राप्त किया। इतना ही नहीं, गाजियाबाद में तो एक छात्र करोड़ों का टर्नओवर होने के बावजूद योजना का लाभ लेने के लिए कोर्ट तक चला गया।
इस घपले को शुरुआत में ही पकड़ने के लिए वर्ष 2025-26 से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसमें माता-पिता, अभिभावक या पति का पैन नंबर और विगत वर्ष के दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में प्रदर्शित आय छात्रवृत्ति के ऑनलाइन आवेदन पत्र में ऑटो फेच (स्वतः ग्रहण) होकर दिखने लगेगी। इसके लिए श्रीट्रॉन इंडिया लि. के जरिये आयकर विभाग से जरूरी अनुमतित ली जाएगी।
फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लेने वालों से होगी रिकवरी
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी छात्र ने फर्जी आय प्रमाणपत्र लगाकर विगत वर्षों में धनराशि ली है, तो उससे ब्याज समेत रिकवरी होगी। पैन और आधार नंबर के आधार पर विगत वर्षों की आयकर विवरणी से अभिभावकों की आय का पता लगाया जाएगा।