लखनऊः चार वर्षीय बीटेक के बाद दो वर्षीय एमटेक करने से विद्यार्थियों को राहत मिलने वाली है। अभी तक बीटेक और एमटेक करने में छह वर्ष लगते थे, जल्द ही पांच वर्ष में यह दोनों डिग्रियां पूरी हो सकेंगी। इसके लिए एक वर्षीय एमटेक प्रोग्राम करने की सुविधा छात्रों को मिलेगी। डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) एमटेक इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शुरू कर रहा है। यह उन विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगा जो कम समय में बीटेक एमटेक करना चाहते हैं। और
पिछले कुछ वर्षों में एमटेक की सीटें खाली रह रही हैं। बीते वर्ष एकेटीयू और उसके संबद्ध कालेजों में एमटेक की सीटों में केवल 50 प्रतिशत ही भर पाई थीं। यहां तक कि एकेटीयू के सेंटर फार एडवांस्ड स्टडीज (कैश) में भी 90 सीटों में से केवल 70 सीटों पर ही दाखिले हुए। इस कारण शोध में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है, जिससे उच्च शिक्षा और शोध का स्तर प्रभावित हो रहा है। ऐसे में एमटेक इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में एक वर्ष का एमटेक होगा। छात्रों के पास विकल्प रहेगा कि वह सामान्य बीटेक और एमटेक इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में से क्या लेना चाहते हैं। इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में छात्रों को साढ़े चार से पांच वर्ष में बीटेक और एमटेक की डिग्री मिल जाएगी। एकेटीयू और उसके संबद्ध कालेजों से बीटेक करने वाले 75 प्रतिशत छात्र-छात्राएं प्लेसमेंट पाकर सीधे नौकरी में चले जाते हैं। शेष 25 प्रतिशत में से कुछ स्टार्टअप शुरू करते हैं, जबकि कम छात्र एमटेक या शोध में आगे बढ़ते हैं। इन परिस्थितियों में इस सुधार को बड़ा कदम माना जा रहा है।
अभी बीटेक में 160 से 170 क्रेडिट का कोर्स करना होता है। दो वर्षीय एमटेक में 80 क्रेडिट का कोर्स करना होता है। एमटेक इंटीग्रेटेड में छात्रों के पास 32 क्रेडिट का कोर्स मूक्स (मैसिव ओपन आनलाइन कोर्स) से करने की सुविधा रहेगी। एमटेक इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में बीटेक में पढ़ चुके पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ना होगा। जुलाई 2025 से एक वर्षीय एमटेक प्रोग्राम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एकेटीयू