लखनऊ। नगर क्षेत्र जोन एक में स्थित सालेह नगर प्राथमिक विद्यालय की इकलौती शिक्षिका नीना कुमार की प्रतिनियुक्ति की सिफारिश शासन ने आखिरकार निरस्त कर दी। वह जुगाड़ से करीब तीन वर्षों तक चिड़ियाघर में प्रतिनियुक्ति पर तैनात थीं। इस दौरान विद्यालय का संचालन संबद्ध शिक्षिका के सहारे होता रहा। इससे 100 बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई।
सूत्रों के मुताबिक, नीना कुमार के पति राजीव कुमार तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (वन) मनोज सिंह के निजी सचिव थे। मनोज सिंह की सिफारिश की बदौलत राजीव कुमार ने पत्नी की प्रतिनियुक्ति नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में कराई। प्राणि उद्यान में नीना कुमार की प्रतिनियुक्ति अक्तूबर में समाप्त होनी थी। इससे पहले 11 सितंबर को मनोज सिंह ने निदेशक बेसिक शिक्षा को एक सिफारिशी पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि चिड़ियाघर में शिक्षिका ने अच्छा काम किया है, लिहाजा इनकी प्रतिनियुक्ति पर तैनाती प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में की जानी है। इसमें
अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने भेजी थी चिट्ठी
• शिक्षिका को स्कूल भेजा, पर एनओसी रद्द करने में लगे 50 दिन :
खबर के प्रकाशन के बाद शिक्षिका नीना कुमार को स्कूल में वापस भेजा गया। हालांकि, सिफारिशी एनओसी को रद्द करने में 50 दिन से अधिक समय लग गया। एनओसी निरस्तीकरण का आदेश तीन जनवरी को जारी किया गया।
यह भी कहा गया कि विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिक्षिका की तैनाती पुस्तकालय अधिकारी के पद पर की जा सके।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक ऊपर से दबाव इतना ज्यादा था कि सचिव परिषद सुरेंद्र तिवारी को एनओसी जारी करनी पड़ी। अमर उजाला ने प्रमुखता से इस खबर का प्रकाशन किया। खेल सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने एनओसी रद्द करने के लिए शासन को पत्र भेजा।