शिक्षामित्रों के बाद चार लाख से ज्यादा शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। यूपी सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक तबादले के लिए न्यूनतम सेवा अवधि की बाध्यता को खत्म कर दिया है। अभी तक पुरुषों को पांच वर्ष की सेवा और महिला शिक्षकों को दो वर्ष की सेवा पूरी होना अनिवार्य था। इस संबंध में सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। इससे प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के 4.30 लाख से अधिक शिक्षकों के तबादले का रास्ता साफ हो गया है।
जिले स्तर पर बनाई जाएगी समिति
अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और समय सीमा के भीतर कराने के लिए जिले स्तर पर समिति बनाई जाएगी। इसमें जिले के सीडीओ अध्यक्ष होंगे जबकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य तथा वित्त एवं लेखा अधिकारी (बेसिक शिक्षा) के साथ-साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे।
सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही होंगे स्वीकार
पिछली बार की तरह इस बार भी ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग और नगर सेवा संवर्ग से नगर सेवा संवर्ग में ही अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण किए जाएंगे। अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण की सभी प्रक्रिया राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी। ऑफलाइन आवेदन पत्र पर किसी भी दशा में विचार नहीं किया जाएगा।
आवेदन वापस नहीं ले सकेंगे शिक्षक
अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण स्कूल से स्कूल में किए जाएंगे। स्थानान्तरित शिक्षक-शिक्षिका को ग्रीष्मकालीन अवकाश में कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण कराया जाएगा। एक बार स्थानांतरण हो जाने के बाद किसी भी शिक्षक को अपना आवेदन वापस लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए प्राइमरी, अपर प्राइमरी तथा संविलित विद्यालयों में एक़ समान श्रेणी में ही तबादले अनुमन्य होंगे। तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र की स्वप्रमाणित छाया प्रति को आवेदन की अन्तिम तिथि के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निर्धारित समय सारणी के अनुसार जमा करना होगा। वहीं वेबसाइट पर वांछित अभिलेख अपलोड किए जाने का दायित्व स्वयं शिक्षक या शिक्षिका का होगा। इसमें किसी भी लापरवाही या त्रुटि होने पर उनकी ओर से प्रस्तुत किसी भी प्रत्यावेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
आवेदन में कोई संशोधन मंजूर नहीं होगा
तय प्रक्रिया के अनुसार आवेदन पत्र जमा करने के बाद ही पूर्ण माना जाएगा अन्यथा की स्थिति में इसे निरस्त माना जाएगा। जमा आवेदन पत्र में किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार का संशोधन अनुमन्य नहीं होगा। ऐसे शिक्षक अथवा शिक्षिका जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही होगी, उन्हें कार्यवाही समाप्त होने के बाद ही कार्यमुक्त किया जाएगा। सत्यापन में अभिलेख फर्जी या गलत पाए जाने पर नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जाएगी। तबादले के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मानव सम्पदा पोर्टल पर सात दिनों के अन्दर स्थानांतरित शिक्षकों के विवरण अपडेट करेंगे। चूंकि शिक्षक जिले कैडर के हैं, इसलिए स्थानांतरित शिक्षकों को उस जिले की वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा जहां वे कार्यभार ग्रहण करेंगे।