लखनऊ, प्रदेश के आश्रम पद्धति के स्कूलों में खाली पड़े एक तिहाई पदों को जल्द भरा जाएगा। सरकार ने रिक्त पदों को भरने के लिए अतिशीघ्र अधियाचन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
वर्तमान में प्रदेश भर में आश्रम पद्धति के स्कूलों में स्वीकृत 4753 पदों में से 1831 पद रिक्त पड़े हैं। इनमें प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक के करीब 1000 पद भी खाली पड़े हैं जबकि प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य के सैकड़ो पद भी खाली है। इसके अलावा शिक्षणेत्तर कर्मियों के पद भी बड़ी संख्या रिक्त हैं। प्रदेश भर में आश्रम पद्धति के 109 स्कूलों में प्रवक्ता के 431 और सहायक अध्यापक के 409 पद रिक्त हैं जबकि प्रधानाचार्य के 3 और उप प्रधानाचार्य के 4 पद खाली हैं। वहीं, लाइब्रेरियन के 97, वरिष्ठ सहायक के 58, कनिष्ठ सहायक के 149, छात्रवास सहायक के 61 फार्मासिस्ट तथा नर्स के 37 पदों के अलावा पत्रवाहक या माली के सभी 194 पद खाली हैं। इसी प्रकार से मेस हेल्पर के सभी 194 और चौकीदार सह स्वीपर के भी सभी 194 पद रिक्त हैं।
60 के दशक में प्रतिभावान एवं निर्धन छात्रों को उत्कृष्ट नि:शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में आश्रम पद्धति के स्कूल खोले गए थे। अब इन स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों के पद खाली होने के कारण वहां शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। एक-एक शिक्षक पर कई-कई कोर्सों को पूरा कराने की जिम्मेदारी होने के कारण स्थिति और भी विकट हो चुकी है। स्कूलों से लगातार मिल रही इस बारे में शिकायतें व मनुहारों को देखते हुए सरकार ने अब इन स्कूलों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का निर्णय किया है।