लखनऊ :
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू करने की मांग की है। वर्ष 2020 के बाद खाली पदों के सापेक्ष शिक्षकों को स्थानांतरित नहीं किया गया है। सिर्फ पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया ही चल रही है जिसमें एक से दूसरे विद्यालय में जाने के लिए शिक्षकों को खुद जोड़े बनाने होते हैं। बीते दिनों जिले के अंदर व बाहर शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण की नीति जारी की गई है। अब शिक्षक सामान्य स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि वर्ष 2020 में जिले के बाहर सामान्य स्थानांतरण हुए थे। उन्होंने पत्र लिखकर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। उस समय जिले के अंदर तबादले की प्रक्रिया नहीं की गई थी। पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को जोड़े बनाने में बड़ी कठिनाई होती है। बीते वर्ष जिले के अंदर 23,690 शिक्षकों के और जिले के बाहर 2,403 शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण हुए थे।
- वर्ष 2020 के बाद नहीं हो सकी सामान्य स्थानांतरण की प्रक्रिया • कहा, शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष किया जाए तबादला
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 4,59,450 है। वहीं 1.33 लाख स्कूलों में कुल 1.46 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं। ज्यादा शिक्षकों वाले विद्यालयों से कम शिक्षकों वाले विद्यालय में अध्यापकों के मनमाने ढंग से समायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें अधिक शिक्षक वाले स्कूलों से कम शिक्षक वाले विद्यालय में सबसे कनिष्ठ शिक्षक को समायोजित किया जाना था लेकिन गलत नीति के कारण कोर्ट ने इसे रद कर वरिष्ठ शिक्षक का तबादला करने का आदेश दिया था। अभी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।