महराजगंज। जनपद में परिषदीय स्कूल के बच्चों को खेलकूद में प्रोत्साहित करने के लिए स्पोर्ट्स ग्रांट के तहत खेल उपकरण के लिए भारी भरकम राशि भेजी गई। स्कूल प्रधानाध्यापक धन का आहरण करने के बाद भी अधिकतर स्कूलों में खेल सामग्री नहीं खरीदी और धनराशि उपयोग कर लिया।
विभागीय जांच में इसके पुख्ता साक्ष्य मिल रहे हैं कि जिस कार्य के लिए धन आवंटित किया गया था उसे नहीं किया गया। मामले में अबतक 19 स्कूलों के प्रधानाध्यापक का वेतन विभाग बाधित कर चुका है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण गुप्ता ने बताया कि स्पोर्ट्स ग्रांट के तहत पूर्व माध्यमिक 800 स्कूलों को 10 हजार रुपये के हिसाब से 80,00000 रुपये तो प्राइमरी के 900 के लगभग स्कूलों को 5 हजार रुपये प्रति स्कूल की दर से 45,00000 रुपये प्रबंध समिति के खाते में भेजे गए। 1705 स्कूलों में 1.25 करोड़ रुपये भेजकर कुल 18 खेल सामग्रियों को खरीदने के निर्देश दिए गए थे।
इसमें बैटबाल, फुटबॉल, वाॅलीबाल, बैडमिंटन, चिड़िया, नेट, कैरम, चेस, लूडो इत्यादि खरीदना था, लेकिन खरीद हुई अथवा नहीं इसका सत्यापन विभाग ने त्वरित नहीं किया जिसका नतीजा की अधिकतर स्कूलों में खेल उपकरण खरीदे ही नहीं गए, जहां खरीद हुई वहां सीमित संख्या में खरीद कर खानापूर्ति हुई।
विभाग अब जांच कर रहा है तो पर्तें खुलने लगी हैं। अधिकतर प्रधानाध्यापक खेल सामग्री दिखाना दूर रसीद तक नहीं दिखा पा रहे कि क्या क्या, कब और कहां से खरीदा।