69000 शिक्षक भर्ती: नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आंदोलन शुरू
69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शनिवार से फिर आंदोलन तेज कर दिया। बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने प्रदर्शन करते हुए उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मिलवाया, लेकिन कोई ठोस समाधान न निकलने पर अभ्यर्थी धरने पर डटे रहे। आखिरकार पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को ईको गार्डन धरना स्थल पर भेज दिया।
अभ्यर्थियों ने महानिदेशक को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई की जानकारी दी। महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि 11 फरवरी को प्रस्तावित सुनवाई में विभाग सुप्रीम कोर्ट से मामले का जल्द निपटारा करने का अनुरोध करेगा। हालांकि, अभ्यर्थी इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि विभाग की लापरवाही के कारण यह मामला उलझता रहा है और वे पिछले चार सालों से परेशान हो रहे हैं।
नेतृत्वकर्ता का बयानआंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि न्यायिक स्तर पर उन्हें हर बार जीत मिली है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनी कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले सभी उनके पक्ष में हैं। इसके बावजूद उन्हें उनके पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ।
अमरेंद्र ने कहा कि यदि विभाग चाहता तो लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच के आरक्षित वर्ग के पक्ष में आए फैसले को लागू कर सकता था। हाईकोर्ट ने तीन महीने में आदेश का पालन करने को कहा था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हुआ। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, जहां सरकार अपने पक्ष रखने में देरी कर रही है, जिससे यह और लंबा खिंच गया। उन्होंने कहा कि अब यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।