नई दिल्ली, ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैंपियन डी. गुकेश, पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है। वहीं, 32 खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गए हैं। इनमें रिकॉर्ड 17 पैरा एथलीट हैं।
विजेताओं को 17 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पुरस्कार प्रदान करेंगी। फरीदाबाद की 22 वर्षीय मनु एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं। ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता। 18 वर्षीय गुकेश शतरंज में सबसे युवा चैंपियन बने। पैरा हाई जंपर प्रवीण ने पेरिस पैरालंपिक में टी-64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले को एक मेडल, प्रशस्ति पत्र,25 लाख नकद मिलते हैं, अर्जुन पुरस्कार में 15 लाख नकद, अर्जुन की मूर्ति मिलता है।
पांच दिग्गज द्रोणाचार्य द्रोणाचार्य विजेताओं में ओलंपिक कांस्य विजेता स्वप्निल कुसाले की कोच दीपाली देशपांडे भी हैं। इसी पुरस्कार की लाइफटाइम श्रेणी में फुटबॉल टीम के पूर्व मैनेजर अर्मांडो कोलासो और बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन हैं। पैरा खिलाड़ियों का दबदबा
पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक
विजेता को 52 वर्ष बाद सम्मान
लाइफटाइम अर्जुन पुरस्कार पाने वालों में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता 80 साल के मुरलीकांत पेटकर शामिल हैं जिन्हें 1972 पैरालंपिक में 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में पीला तमगा मिला था। 1965 के भारत-पाक युद्ध में गोलियां लगने से विकलांग हुए पेटकर पर हाल में फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ बनी है।