महाकुंभ में यूपी की योगी कैबिनेट की बैठक बुधवार दोपहर 12 बजे से अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में होगी। बैठक में शामिल होने के लिए दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित दो दर्जन से अधिक मंत्री मंगलवार रात तक प्रयागराज पहुंचे चुके थे। वहीं, शासन के विभिन्न विभागों के 105 अफसर भी आ चुके हैं। अफसरों के ठहरने के लिए जिले के अधिकारी देर रात तक व्यस्त रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह 11 बजे हेलीकॉप्टर से डीपीएस हेलीपैड पर आएंगे। यहां से अरैल घाट स्थित त्रिवेणी संकुल पहुंचेंगे। जहां दोपहर 12 बजे से कैबिनेट की बैठक होगी।
बैठक में प्रयागराज सहित तमाम जिलों को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल सबसे बड़ा प्रस्ताव धार्मिक सर्किट का माना जा रहा है। इस पर बैठक में मोहर लग सकती है। इसके तहत अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट, विंध्याचल और वाराणसी को मिलाकर धार्मिक सर्किट बनाया जाना प्रस्तावित है। वहीं, हेतापट्टी से लेकर सलोरी तक प्रस्तावित पुल का बजट भी पास हो सकता है। शहर में एलीवेटेड सड़कें बनाने का प्रस्ताव भी बैठक में आ सकता है। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी कई सौगातें मिल सकती हैं। एक दर्जन प्रस्तावों पर मुहर की संभावना है।
बैठक के बाद लगाएंगे पुण्य की डुबकी
शासन की ओर से जो कार्यक्रम आया है, उसके अनुसार बैठक के बाद मंत्रिमंडल के त्रिवेणी में डुबकी लगाने की बात कही गई है। पहले स्नान के बाद बैठक की बात थी। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री अरैल की ओर से क्रूज पर संगम आएंगे। यहां पर वीआईपी जेटी पर आकर संगम स्नान और फिर गंगा पूजन करेंगे। शाम लगभग चार बजे तक सभी प्रयागराज से वापस चले जाएंगे।
पहुंच चुके हैं ये मंत्री
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमा शर्मा, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, सेवा योजन मंत्री अनिल राजभर सहित दो दर्जन से अधिक मंत्री प्रयागराज पहुंच चुके हैं। महाकुंभ नगर के डीएम विजय किरन आनंद के अनुसार कैबिनेट बैठक की तैयारी कर ली गई है। बुधवार दोपहर 12 बजे से त्रिवेणी संकुल में बैठक होगी। जिसमें प्रदेश सरकार के सभी मंत्री आएंगे। बैठक के बाद गंगा स्नान होगा।
एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर मुहर संभव
बैठक में एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। इसमें बड़े 40 लाख छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। एयरोस्पेस के क्षेत्र में अभी तक 59 कंपनियों ने दस हजार करोड़ से अधिक का निवेश का एमओयू मंजूर किया है। सरकार यूपी को एयरोस्पेस और डिफेंस यूनिट (रक्षा इकाई) का हब बनाना चाहती है। इसके लिए नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों को निवेश के लिए लुभाया जा रहा है।
यह हैं मुख्य प्रस्ताव
-फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉरच्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 के लैंड सब्सिडी के प्रावधान के तहत मैसर्स अशोक लेलैंड को जमीन दी जाएगी। कैबिनेट ने इसका प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है।
-स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत अगले वित्तीय वर्ष में 40 लाख छात्रों और छात्राओं को स्मार्टफोन बांटे जाएंगे। योगी सरकार ने पांच साल में दो करोड़ छात्र-छात्राओं को निशुल्क स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
-आगरा विकास प्राधिकरण रायपुर के रहमनकला गांव में नई आवासीय परियोजना ला रहा है। इसके लिए प्राधिकरण को 442 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी।
-यूपी में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत अभियोजन निदेशालय की स्थापना की जाएगी। कैबिनेट में निदेशालय स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
-बलरामपुर में स्वशासी यानी ऑटोनॉमस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसके लिए बलरामपुर में संचालित 166 बैड के गवर्नमेंट हॉस्पिटल को चिकित्सा शिक्षा विभाग को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में मंजूर हो सकता है।
-प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है। हाथरस, बागपत और कासगंज जिले में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में तीनों जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए टेंडर दाखिल करने वाली फर्म का चयन का प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है।
-नगर निगम प्रयागराज, वाराणसी और आगरा का म्युनिसिपल बांड जारी किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में तीनों नगर निगम म्युनिसिपल बांड जारी करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग इनहेंसमेट के लिए बजट उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है।
-टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश के 62 आईटीआई का डेवलेपमेंट किया जाएगा। आईटीआई में पाठ्यक्रम के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी मुहैया कराए जाएंगे। कैबिनेट में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।