लखनऊ, यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पारिश्रमिक बढ़ाने के बाद सरकार जल्द ही यूपी बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाने जा रही है। परीक्षा ड्यूटी को लेकर शिक्षकों के बढ़ते आनाकानी एवं पारिश्रमिक को लेकर नाराजगी को देखते हुए सरकार ने पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय किया है।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था जिस पर वित्त विभाग से उसका अभिमत भी मांगा गया है। वित्त की मंजूरी के बाद शासन इसे कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेज सकता है। अभी शिक्षकों को प्रति सीटिंग मात्र 20 रुपये पारिश्रमिक मिलता है जबकि परीक्षा शुल्क 100 से बढ़कर 600 रुपये तक पहुंच चुका है। परीक्षा शुल्क कई गुना बढ़ाए जाने के बाद भी पारिश्रमिक शुल्क नहीं बढ़ने से प्रदेश भर के माध्यमिक शिक्षकों में भारी नाराजगी है। कम पारिश्रमिक मिलने से परीक्षा ड्यूटी करने में आनाकानी
20
रुपये पारिश्रमिक
मिलता है शिक्षकों
को प्रति सीटिंग
करने लगे हैं। दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों की ओर से भी पारिश्रमिक शुल्क बढ़ाए जाने की लगातार मांग की जा रही है जबकि परीक्षा ड्यूटी में दिए जाने वाले पारिश्रमिक में वृद्धि किए जाने का मुद्दा शिक्षक नेताओं की ओर से प्रदेश उच्च सदन (विधान परिषद) में भी कई बार जोर-शोर से उठाया जा चुका है।
सरकार ने पारिश्रमिक बढ़ाने का फैसला किया है। शिक्षक नेताओं की मानें तो यूपी बोर्ड की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है और उस परीक्षा में काम करने वाले प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को जो पारिश्रमिक मिलना चाहिए महंगाई के अनुपात में नहीं मिल पा रहा जबकि सरकार ने परीक्षा शुल्क को पांच से छह गुना बढ़ा दिया है। वहीं व्यय भी 10 गुना तक बढ़ चुका है।