सरकार पुरानी कर प्रणाली को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है और आगामी आम बजट में नई कर प्रणाली को और अधिक आकर्षक बनाने की योजना बना रही है। इसके तहत आयकर मुक्त आय की सीमा और मानक कटौती की सीमा में वृद्धि की जा सकती है। साथ ही, नई प्रणाली में नए टैक्स स्लैब जोड़े जाने की संभावना है। सरकार का इरादा है कि इस बजट या अगले वित्तीय वर्ष में पुरानी कर प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए।
नई कर प्रणाली की शुरुआत का उद्देश्य
2020 के बजट में नई कर प्रणाली को लाने का उद्देश्य पुरानी प्रणाली को समाप्त करना और कर अदायगी को सरल बनाना था। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बार के बजट में पुरानी कर प्रणाली को समाप्त करने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यदि इस बजट में इसकी घोषणा नहीं होती है, तो अगले साल के बजट में इसे लागू किया जाना तय है।
वित्तीय घाटा कम करने पर जोर
सरकार बजट प्रावधानों के माध्यम से वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने पर भी ध्यान दे रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए घाटे का लक्ष्य 4.9% था, जिसे आगामी बजट में 4.5% तक सीमित करने का लक्ष्य रखा जा सकता है।
नई कर प्रणाली में संभावित बदलाव
सरकार कर मुक्त आय की सीमा को बढ़ाने और 20% टैक्स स्लैब की आय सीमा को 12-15 लाख से बढ़ाकर 12-20 लाख तक करने पर विचार कर रही है। मानक कटौती की सीमा को भी 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
पिछला बजट और नई उम्मीदें
पिछले साल के बजट में कर मुक्त आय की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन 5% कर वाले स्लैब को 3-6 लाख से बढ़ाकर 3-7 लाख कर दिया गया था। मानक कटौती को भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया था।
वेतन आयोग और कर राहत के संकेत
हाल ही में सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 30-40% तक की वृद्धि का अनुमान है। ऐसी स्थिति में कर राहत के बिना कर्मचारियों को विशेष लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, पिछले लोकसभा चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद सरकार ने मध्य वर्ग और निम्न मध्य वर्ग को राहत देने की दिशा में कदम उठाने की योजना बनाई है।