हसनपुरः नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित जो कभी स्कूल की चौखट नहीं चढ़ी, अब उसके नाम से आठवीं कक्षा की टीसी बनवा कर उसे बालिग दर्शाते हुए अदालत में भी पेश कर दी गई। ताकि दुष्कर्म के आरोपित को पाक्सो एक्ट से बचाया जा सके। मामला खुलकर सामने आया तो पीड़ित के भाई ने डीएम से शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने खंड शिक्षाधिकारी व सीओ को इसकी जांच सौंपी है। साथ ही आरोपितों को विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है।
नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित का कक्षा आठ पास का फर्जी स्थानांतरण प्रमाण पत्र बनाकर उसे बालिग दर्शाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि फर्जी टीसी को कोर्ट में दाखिल किया गया है। मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गंगा तटबंध किनारे के गांव का है। गत पांच अक्टूबर को 15 वर्षीय किशोरी से गांव के ही एक युवक ने दुष्कर्म
• आरोपित के स्वजन ने पाक्सो एक्ट से बचने के लिए किया खेल
• डीएम ने खंड शिक्षा अधिकारी और सीओ को सौंपी जांच
6 भूलवश विद्यालय के एक शिक्षक से धोखा हुआ है। । हम पीड़ित के साथ हैं। विद्यालय से जारी स्थानांतरण प्रमाण पत्र को निरस्त करेंगे तथा जहां जरूरत होगी पीड़ित के पक्ष में ही बयान देंगे।
– रामस्वरूप सिंह, प्रबंधक महाराजा शूरसेन जूनियर हाईस्कूल भटोला शर्की
किया गया था। जिसमें प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़ित के भाई कहा कि उसकी बहन नाबालिग है। वह कभी स्कूल नहीं गई। लेकिन, आरोपित के स्वजन ने महाराजा शूरसेन जूनियर हाई स्कूल भटोला शर्की से उसकी कक्षा आठ पास की फर्जी टीसी बनवा ली है। टीसी में उसकी उम्र बालिग कर दी गई है। उक्त फर्जी टीसी को कोर्ट में
दाखिल करके आरोपित को राहत दिलाने का प्रयास चल रहा है।
जबकि, पीड़ित के साथ अन्याय हो रहा है। शनिवार को दुष्कर्म पीड़ित अपने भाई के साथ संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचकर जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स से मिली।
बताया कि उसके नाम से फर्जी टीसी बनवाकर आरोपित के स्वजन को दी गई है। खास बात यह है कि जिस स्कूल से टीसी बनवाई गई है वह स्कूल छात्रा के गांव से करीब 15 किमी दूर है और छात्रा उक्त स्कूल में कभी पढ़ने नहीं गई। डीएम ने खंड शिक्षा अधिकारी उदयवीर सिंह तथा सीओ दीप कुमार पंत को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।