रामपुर। शिक्षामित्राें ने सोमवार को शिक्षक/शिक्षामित्र उत्थान समिति के पदाधिकारियों के नेतृत्व में शहर विधायक को मांगपत्र साैंपा। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के तरीके से नियमावली में संशोधन किया जाए और उत्तर प्रदेश के लगभग 50 हजार शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को उनके कार्यानुभव और योग्यता के आधार पर सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए।
समिति के जिलाध्यक्ष होरीलाल सैनी ने शहर विधायक को साैंपे ज्ञापन में कहा कि 51,112 टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण योग्य शिक्षामित्रों को सुपर टेट से छूट मिले। साथ ही उन्हें सहायक अध्यापक पद पर नियमित कर दिया जाए। उत्थान समिति के जिला महामंत्री नरेश पाल सिंह ने कहा कि व्यवस्था लागू होने तक समान कार्य का समान वेतन मिले।
उन्होंने मांग की है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नॉन-टेट शिक्षामित्रों को उनके 24 वर्षों के कार्य अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए विभागीय टेट कराकर नवीन नियमावली बने और उन सभी को नियमित किया जाना चाहिए। इस मौके पर उत्थान समिति के जिला कोषाध्यक्ष चंदन सिंह मौर्य, चंद्रपाल सैनी, रामकिशोर सैनी, देवेंद्र सिंह, अमित शर्मा, मोहनलाल यदुवंशी, प्रकाश सक्सेना, राम प्रकाश, तौकीर अहमद, प्रेम शंकर, कृष्ण पाल, सुरेश बाबू व अन्य ने लोग मौजूद थे।
मुख्यमंत्री और विधायक का जताया आभार
समिति के पदाधिकारियों की मांग पर शिक्षामित्रों का मानदेय सम्मानजनक करने के मुख्यमंत्री की तरफ से मिले आश्वासन पर खुशी जाहिर की है। जिसके क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ ही रामपुर शहर विधायक आकाश सक्सेना का भी आभार जताया है। जाफर अली, चंद्रपाल सैनी, देवेंद्र सिंह, गुपाल सिंह, होरीलाल सैनी, रामकिशोर सैनी समेत कई लोगों ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय सम्मानजनक होने के आश्वासन पर उन्हें भरोसा हो गया है कि अब उनकी मांग पूरी हो जाएगी।