बजट से पहले कराए गए एक सर्वेक्षण में लोगों ने कहा कि अब आयकर दरों मे ढील देने का वक्त आ गया है और इसमें रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। B
यह सर्वेक्षण मिंट ने नवंबर और दिसंबर में ऑनलाइन आयोजित किया था, जिसमें पाठकों से पूछा गया कि सरकार को बजट को क्या दिशा देनी चाहिए। इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों की एक अग्रिम प्रति इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को प्रस्तुत की गई थी।
सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक लोगों ने दीर्घकालिक लक्ष्यों की तुलना में अल्पकालिक सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी। हालांकि रोजगार सृजन सभी के लिए उच्च प्राथमिकता थी। सर्वे में आयकर दरों में हुए बदलावों को लेकर व्यापक असंतोष था, खासकर वेतनभोगी पेशेवर काफी निराश थे।
पुरानी बनाम नई कर व्यवस्था पर मिली-जुली राय थी। कई लोग उच्च कर दर वाली लेकिन कर छूट देने वाली पुरानी प्रणाली के पक्ष में थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत अधिक छूट की उम्मीद कर रहे थे।
सर्वेक्षण कैसे हुआ ऑनलाइन पोल लाइवमिंट वेबसाइट पर पोस्ट किया गया था और 28 नवंबर से 30 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया गया था। इसमें 7,051 उत्तरदाताओं ने हिस्सा लिया। 68 से ज्यादा लोग 15 बड़े टियर-I और टियर-II शहरों यानी मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, पटना, सूरत, इंदौर, कानपुर और नागपुर से थे।
इनमें से लगभग 85 पुरुष थे। उनमें से आधे यानी 51 वेतनभोगी वर्ग से थे, 10 व्यवसायी थे और 19 छात्र थे। लगभग 33 ने प्रति वर्ष 15 लाख से अधिक की कमाई बताई, जबकि लगभग 40 ने 10 लाख या उससे कम वार्षिक आय बताई।