सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी अब बिना सीट बेल्ट व हेलमेट के दफ्तर में प्रवेश नहीं पाएंगे। कार्यालय के गेट पर विभागध्यक्ष खुद निगरानी कराएंगे। बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन चालकों को डीजल-पेट्रोल भी नहीं मिलेगा। मंगलवार को सीडीओ अजय जैन की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस सम्बंध में सभी विभागों के अध्यक्षों को निर्देशित किया जा रहा है।
सीडीओ अजय जैन ने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर हुई बैठक में तमाम मुद्दों पर बात हुई। तय किया गया कि पहले सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को हेलमेट व सीट बेल्ट लगाने के लिए कदम उठाया जाएगा। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है। सभी इसका अनुपालन कराएंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि राजधानी में बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। नो हेलमेट, नो फ्यूल के सिद्धांत पर काम होगा। पेट्रोल पम्प संचालकों को इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला पूर्ति अधिकारी को दी गई है और कड़ाई से पालन के निर्देश हैं।
स्कूली वाहन चालकों का होगा सत्यापन स्कूली वाहन चालकों का चरित्र व डीएल सत्यापन कराया जाएगा। बैठक में इस पर भी फैसला लिया गया। विद्यालय में संचालित समस्त स्कूली वाहन चालकों का चरित्र व डीएल सत्यापन खुद स्कूलों के प्रबंधकों को कराना होगा। इस सम्बंध में स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है। समस्त स्कूली वाहनों का मानक के अनुरूप ही संचालन होगा। इसके निरीक्षण की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी गई है। परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्कूलों के खुलने व बंद होने के समय स्कूली वाहनों की चेकिंग करनी होगी। निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार ही वाहनों की जांच होगी। मानक के विपरीत चलने वाले स्कूली वाहनों के विरुद्ध चालान व बंदी की कार्रवाई की जाएगी।
इन पर होगी जिम्मेदारी
● विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया हैकि इस नए नियम का वे अनुपालन कराएं।
● पेट्रोल पम्प संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला पूर्ति अधिकारी की रहेगी।
नए सिरे से चिह्नित होंगे ब्लैक स्पॉट
सभी जिम्मेदार विभाग मिलकर लखनऊ में फिर सड़कों के ब्लैक स्पाट चिह्नित करेंगे। सभी विभागों के इनकी संयुक्त सूची तैयार करनी होगी। इस पर सभी विभागों के संयुक्त हस्ताक्षर होंगे। इसे जिलाधिकारी व सीडीओ को भेजा जाएगा। फिर इन ब्लैक स्पॉट को खत्म कराने का काम होगा।