लखनऊ। राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी राज्यकर्मी संपत्तियों का ब्योरा देने से भाग रहे हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी कर्मी संपत्तियों का ब्योरा देने में काफी फिसड्डी हैं। कार्मिक विभाग के मुताबिक 23 जनवरी तक की समीक्षा में सामने आया कि मानव संपदा पोर्टल पर कुल पंजीकृत कर्मचारियों व अधिकारियों की संख्या 832679 में महज 242639 ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। यह करीब 29 फीसदी है। राज्य सरकार ने आईएएस व पीसीएस अधिकारियों की तरह राज्यकर्मियों को संपत्तियों का ब्योरा ऑनलाइन देना अनिवार्य कर दिया है। राज्यकर्मियों के लिए मानव संपदा पोर्टल पर इसके लिए व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के कर्मियों को 31 जनवरी तक अनिवार्य रूप से संपत्तियों का ब्यौरा देना है। इसमें यह बताना है कि विगत एक सालों में राज्यकर्मियों ने कितनी संपत्तियां अर्जित की हैं। इसकी पूरी जानकारी दी जाए।
प्रमुख सचिव कार्मिक एम. देवराज ने विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि अपने अधीनस्थ कर्मियों की संपत्तियों का ब्यौरा अनिवार्य रूप से ऑनलाइन दाखिल कराया जाए। संपत्तियों का ब्यौरा न देने वाले कर्मियों को पदोन्नति के लिए होने वाली डीपीसी में उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके बाद भी कर्मी संपत्तियों का ब्यौरा देने से भाग रहे हैं।