गोंडा। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को निपुण बनाने के लिए विशेषज्ञ के तौर पर सक्रिय भूमिका निभा रहे जिले के 65 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) नई चयन प्रक्रिया में आवेदन नहीं कर सकेंगे। परियोजना कार्यालय की तरफ से इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही एआरपी की नई चयन प्रक्रिया को 15 मार्च तक पूरा करने की कवायद भी बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है।
नई शिक्षा नीति के तहत आगामी 2025-26 में बालवाटिका, कक्षा एक व दो के 80 प्रतिशत बच्चों को भाषा व गणित में निपुण बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) न सिर्फ सहयोगात्मक रर्यवेक्षण करते हैं, बल्कि अकादमिक क्रयाकलापों में उनकी सक्रिय भूमिका
तय की गई। वर्तमान समय के जिले के सभी 16 ब्लॉकों में अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों के तौर पर 65 एआरपी की तैनाती है।
परियोजना कार्यालय की ओर से इन्हें चच्चों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बच्चों को निपुण बनाने के लिए तमाम तरह की कवायदों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। इसके बाद भी अब नई
चयन प्रक्रिया में इन्हें आवेदन का मौका नहीं मिलेगा। परियोजना कार्यालय की ओर से इन्हें नई प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिए अयोग्य माना गया है। अब तक जिले के 91 विद्यालय निपुण हो चुके हैं।
दिसंबर में हुई निपुण मूल्यांकन परीक्षा में शामिल 182 विद्यालय फिलहाल
परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) हरिगोविंद यादव ने बताया कि जिले के सभी एआरपी का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। 15 मार्च तक नई चयन प्रक्रिया के लिए तैयारी की जा रही है।
31 मार्च को समाप्त हो जाएगा कार्यकाल
जिले में तैनात एआरपी का 31 मार्च को तीन साल व छह महीने का विस्तारित कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। इससे पहले एआरपी की चयन प्रक्रिया को पूरा कराने की कवायद जिले में शुरू हो गई है। बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि चपन के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी में डॉयट प्राचार्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक व वरिष्ठ खंड शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे।
100 अंकों का होगा लिखित व साक्षात्कार
एआरपी की चयन प्रक्रिया के लिए कुल 100 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसमें लिखित परीक्षा के लिए 60, माइक्रो टॉचिंग के तीन 30 और साक्षात्कार के लिए 10 अंक निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान चयन कमेटी जरूनी जानकारी के साथ ही श्रोताओं को बांधे रखना, संतुलित व सहज दृष्टिकोण, तार्किक प्रह और अच्छे संप्रेषक के आधार पर चयन किया जाएगा।